हरकत में आया खाद्य सुरक्षा विभाग, कुट्टू के आटे की सैंपलिंग; इस तरह के आटे से करें परहेज
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने रायवाला और देहरादून में कुट्टू के आटे के पांच सैंपल लिए। जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने सभी क्षेत्रीय खाद्य संरक्षा अधिकारियों को कुट्टू के आटे के स्टाक की जांच के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कुट्टू के आटे से बनी पूड़ियां और पकौड़ी खाकर रायवाला क्षेत्र में 50 से अधिक व्यक्तियों के बीमार पड़ने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग नींद से जागकर हरकत में आता दिख रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने रायवाला (हरिपुर कलां) व देहरादून में कुट्टू के आटे के पांच सैंपल लिए। जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने सभी क्षेत्रीय खाद्य संरक्षा अधिकारियों को कुट्टू के आटे के स्टाक की जांच के निर्देश दिए हैं।
जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी के मुताबिक तीन सैंपल रायवाला, जबकि दो सैंपल देहरादून से लिए गए हैं। सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि रायवाला की घटना के बाद विभिन्न क्षेत्र से कुट्टू का खराब आटा बेचने की शिकायत मिल रही है। इस पर सभी क्षेत्रीय खाद्य संरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह नवरात्र को देखते हुए रविवार से आटे व अन्य खाद्य पदार्थों की जांच करेंगे। यदि कोई व्यापारी खराब आटा बेचता पाया जाता है तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
खुले आटे की अवधि एक माह
जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी के मुताबिक खुले आटे की अवधि एक माह होती है। लिहाजा, इससे अधिक पुराना आटा सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुट्टू का आटा सिर्फ नवरात्र में प्रयोग किया जाता है। लिहाजा, व्यापारी बचे स्टाक को वापस करने के बजाय बिक्री के लिए रख देते हैं। ऐसे में ग्राहकों को भी जागरूक होना पड़ेगा। यह देखना चाहिए कि आटे में तिथि क्या डाली गई है और खुले आटे को जांच-परख कर ही खरीदा जाए।
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इस तरह के आटे से करें परहेज
-जिस आटे मे गांठ दिखे, उसे न खरीदें। गांठ वाले आटे में फंगस होने की प्रबल आशंका रहती है।
-यदि आटे में नमी दिखे और वह भुरभुरा न हो तो उसे भी न खरीदें।
-यह भी देखा जाए कि आटे में कीड़े तो नहीं हैं, क्योंकि कीड़ों के अंडे पकाने के बाद भी बने रहते हैं।
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