छोटे उद्योग चढ़ेंगे पहाड़, साकार होंगे बड़े सपने
सरकार ने निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक पूंजी निवेश को प्रोत्साहित कर राज्य के आर्थिक विकास को गति देने के लिए बजट में कई नए प्रावधान किए हैं।
देहरादून, [अशोक केडियाल]: त्रिवेंद्र सरकार उद्योगों को पहाड़ चढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत सूक्ष्म एवं कुटीर उद्योगों को दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में स्थापित किया जाएगा। इससे न सिर्फ पलायन पर रोक लगेगी, बल्कि गांवों में रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा होंगे। इसके लिए उद्योगपतियों को पहाड़ों में उद्योगों की स्थापना को न्योता दिया जा रहा है।
सरकार ने निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक पूंजी निवेश को प्रोत्साहित कर राज्य के आर्थिक विकास को गति देने के लिए बजट में कई नए प्रावधान किए हैं। सरकार का मानना है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि एवं रोजगार के अवसर पैदा करने में औद्योगिक क्षेत्र का अधिक योगदान है। सरकार ने औद्योगिक घरानों को आकर्षित करने के लिए 'ईज ऑफ डूईंग बिजनेस' की दिशा में महत्वपूर्ण पहल शुरू की है।
डीएम मुहैया कराएंगे जमीन
पहाड़ में उद्योग की स्थापना को आसान बनाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके तहत पहाड़ी क्षेत्र में यदि कोई उद्योगपति 10 करोड़ रुपये निवेश कर उद्योग लगाने का इच्छुक है, तो उसे भूमि खरीद के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा, बल्कि जिलाधिकारी उसे जमीन मुहैया कराएंगे।
बजट के मुख्य बिंदु
-उत्तराखंड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुपालन व्यवस्था ऑनलाइन की गई है।
-उद्यमी एक ही पोर्टल पर जाकर सभी सूचनाएं जैसे अनापत्तियां, स्वीकृतियां आदि समय पर ले सकते हैं।
-औद्योगिक विकास के तहत 'निवेशक सुविधा एवं सहायता केंद्र' की स्थापना।
- एमएसएमई(सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमिता) सेक्टर के तहत 55864 उद्योगों में 11667.38 करोड़ का निवेश एवं 274166 लोगों को रोजगार।
- एमएसएमई मंत्रालय के तहत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अधीन राज्य को 48 करोड़ की मार्जिन मनी।
- देहरादून में सेंटर इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक एंड इंजीनियङ्क्षरग टेक्नोलॉजी (सीआइपीईटी) की स्थापना।
- केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश में उद्यमिता विकास के लिए 600 करोड़ की सैद्धांतिक मंजूरी।
- राज्य में पलायन रोकने के लिए पीपीपी मोड पर सिलाई प्रशिक्षण एवं उत्पादन केंद्र खोले जाएंगे।
- काशीपुर स्थित डिजाइन केंद्र में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए इसकी उपयोगिता बढ़ाई जाएगी।
- काशीपुर एवं जसपुर को टेक्सटाइल उद्यम क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
- राजकीय डिजाइन केंद्र काशीपुर का उन्नयन करते हुए उसे प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र बनाया जाएगा।
- एमएसएमई सेक्टर में महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना।
- एमएसएमई सेक्टर की योजनाओं में 10 करोड़ तक पूंजी निवेश वाले उद्योगों के लिए भूमि खरीदने का अधिकार डीएम को दिया गया।