गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान दें शिक्षण संस्थान: त्रिवेंद्र रावत
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने कहा कि राज्य में शिक्षण संस्थान तो
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने कहा कि राज्य में शिक्षण संस्थान तो बड़ी तादात में खुल रहे हैं, मगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी अभी भी खल रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हुनर और योग्यता को हर जगह तरजीह दी जा रही है। इसलिए हमारा मकसद सिर्फ डिग्री हासिल करना न हो, बल्कि काबिलियत हमारी पहचान बने।
गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने मुनिकीरेती में स्वामी पूर्णानंद डिग्री कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के नवीन परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मुनिकीरेती क्षेत्र में उच्च शिक्षा की दिशा में यह संस्थान मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व देश भर में करीब 16 हजार इंजीनिय¨रग कॉलेज थे। जिनमें से अब आधे इंजीनिय¨रग कॉलेज ही अस्तित्व में रह गए हैं। इसका बड़ा कारण यह रहा कि हम इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक योग्य छात्र ही तैयार नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा का स्वरूप सरकारों के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है। प्रदेश में ही दस छात्र संख्या से कम के 600 प्राथमिक विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। इसका कारण भी विश्वासपरक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सोच बदलनी होगी, अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर ही ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार शिक्षा और रोजगार की दिशा में आगे बढ़कर काम कर रही है। न्याय पंचायत स्तर पर रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं, जिसका परिणाम शीघ्र की सामने आएगा। संस्थान के मुखिया स्वामी गुरु प्रसाद परमहंस ने बताया कि इस संस्थान में अभी तक बीएससी फूड टेक्नोलॉजी व गृह विज्ञान के पाठ्यक्रम संचालित हो रहे थे। मगर, अब यहां बीए जिसमें भूगोल, इतिहास, ¨हदी व अंग्रेजी विषय व बीकॉम के पाठ्यक्रम भी शुरू कर दिए गए हैं। इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, शंभू पासवान, कार्यकारिणी के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता, मंत्री संजय अग्रवाल, डॉ. अपर्णा गर्ग, रमाबल्लभ भट्ट, कृष्ण कुमार ¨सघल, अनीता ममगाईं, जितेंद्र अग्रवाल, संजीव गोयल, राकेश अग्रवाल, प्रदीप खंडेलवाल, राजीव बंसल, डॉ. ममता सुंदरियाल, डॉ. हरीश रतूड़ी, डॉ. प्रभुनाथ कुमार आदि उपस्थित रहे।