मुख्यमंत्री बोले, टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी आइटीबीपी को
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी आइटीबीपी को दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से आइटीबीपी के साहसिक खेलों के अनुभव का लाभ देश के साहसिक पर्यटन को मिलेगा।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश सरकार टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों और खेलों के संचालन का जिम्मा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) को देगी। इसके लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। यह बातें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को आइटीबीपी के सीमाद्वार परिसर में फ्लैग इन समारोह में कहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आइटीबीपी अपनी काबिलियत से टिहरी झील को खास पहचान दिलाएगी।
कोरोना का मुश्किल भरा दौर भी आइटीबीपी के पर्वतारोहियों के हौसले को डिगा नहीं सका। कोरोनाकाल में हिमवीरों ने समुद्र तल से 21,615 फीट की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री-2 शिखर पर तिरंगा फहराया है। इसके अलावा गंगोत्री और आसपास की छह चोटियों पर पहली बार सफल पेट्रोलिंग भी की। इन हिमवीरों के लौटने पर बुधवार को आइटीबीपी के सीमाद्वार परिसर में फ्लैग इन समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और पर्वतारोहियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आइटीबीपी और उत्तराखंड का गहरा रिश्ता है। अभी उत्तराखंड के 11 हजार लोग आइटीबीपी में सेवारत हैं और करीब 40 हजार लोग अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि आइटीबीपी शौर्य और संवेदना का दूसरा नाम है। हिमवीर अपने परिवार से दूर अति दूरस्थ एवं सीमांत क्षेत्रों में रहकर देश सेवा करते हुए अपने मानवीय कर्तव्य भी बखूबी निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जब-जब आपदा आती है, हमें विश्वास रहता है कि हमारे हिमवीर साथ खड़े हैं। आइटीबीपी के रूप में हमारे पास एक ऐसा बल है, जिसने अति दुर्गम क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाया है। उन्होंने पर्वतारोही दल को बधाई देते हुए कहा कि चुनौतियों को स्वीकार करने वाले हिमवीरों ने आगे के लिए भी लक्ष्य तय किए होंगे। उसके लिए भी मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।
उत्तरी फ्रंटियर मुख्यालय के महानिरीक्षक नीलाभ किशोर ने बताया कि आइटीबीपी ने सितंबर में छह अनाम चोटियों पर पर्वतारोहण के लिए दल भेजा था। इस दल का नेतृत्व देहरादून सेक्टर की उप महानिरीक्षक अपर्णा कुमार ने किया। आठ सदस्यीय दल ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में छह हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों का आरोहण किया। उप सेनानी दीपेंद्र मान के नेतृत्व में 26 सदस्यीय दल ने गंगोत्री-2 चोटी का सफल आरोहण किया। कार्यक्रम में आइटीबीपी के डीआइजी रणजीत सिंह राणा, डीआइजी अनिल कुमार, डीआइजी मंधीर एक्का, सेनानी शैंडील कुमार आदि मौजूद रहे।
पर्यटन को आइटीबीपी के अनुभव का मिलेगा लाभ
इसी सितंबर में साहसिक खेल अकादमी टिहरी के हस्तांतरण संबंधी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते से आइटीबीपी के साहसिक खेलों के अनुभव का लाभ प्रदेश के साहसिक पर्यटन को मिलेगा। साथ ही टिहरी झील में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के जवानों की व्यापक ट्रेनिंग हो सकेगी। स्थानीय युवाओं को भी वाटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
प्रदेश के सीमावर्ती गांवों तक पहुंचेगी बिजली और सड़क
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार आइटीबीपी और सेना की हर जरूरतों को पूरा कर रही है। इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का जाल बिछाने का काम शुरू हो गया है। यूपीसीएल ने बिजली कनेक्शन और लोक निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण के लिए सर्वे किया है। इसके बाद तेजी से काम शुरू होगा। सरकार सीमावर्ती चौकियों तक भी बिजली और सड़क पहुंचाने का प्रयास करेगी।