दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने सुनाई पांच साल का सश्रम कारावास की सजा
दुष्कर्म के एक मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे की अदालत ने दोषी को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही बीस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
देहरादून, जेएनएन। दुष्कर्म के एक मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे की अदालत ने दोषी को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही बीस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामला आठ अप्रैल 2017 में डोईवाला क्षेत्र में सामने आया था। जिला शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि घटना के दिन पीड़िता दून से कोचिंग क्लास खत्म कर डोईवाला क्षेत्र के सीरियों तिराहे पर बस से उतरी और पैदल ही घर जाने लगी।
इसी बीच पीड़िता के गांव का ही युवक संदीप थापा पुत्र नंदकिशोर मोटरसाइकिल से उसका पीछा करने लगा। पीड़िता करीब आधा किलोमीटर चली ही थी तो संदीप ने अपनी मोटरसाइकिल सड़क किनारे खड़ी दी। इसके बाद उसने अचानक पीड़िता को चाकू दिखाया और जंगल की ओर खींच ले गया। इस दौरान पीड़िता के साथ वह जबरदस्ती करने लगा।
इससे पीड़िता को काफी चोटें भी आई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंच गए। जिसके बाद आरोपित पीड़िता के साथ मारपीट कर वहां से भाग गया। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने उसी दिन आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
मामले मे प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे की अदालत में अंतिम सुनवाई हुई। तमाम गवाहों, साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार देते हुए पांच साल सश्रम कारावास के साथ ही बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड में से दस हजार रुपये पीड़िता को देने के निर्देश दिए गए हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए। जिसमें पीड़िता और चश्मदीद की गवाही अहम रही।
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