Uttarakhand News: उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा में 12वीं के बाद होगा पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम
बुधवार को तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने मीडिया से बातचीत में सरकार की ओर से तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। 12वीं के बाद विद्यार्थी के लिए पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम होगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। 12वीं के बाद विद्यार्थी पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम के माध्यम से डिप्लोमा से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश में शीघ्र ही वर्चुअल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में सरकार की ओर से तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को विद्यार्थी की आवश्यकता के अनुरूप ढाला जाएगा। उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा।
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई एकीकृत तरीके से होगी। 12वीं के बाद पांच वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। विद्यार्थी डिप्लोमा के साथ ही डिग्री स्तर तक पढ़ाई कर सकेगा। आवश्यकता के अनुसार पढ़ाई कर सकेगा और उसे आगे जारी रख सकेगा।
प्रदेश सरकार वर्चुअल विश्वविद्यालय पर काम कर रही है। विश्वविद्यालय पढ़ाई और रोजगार के लिए युवाओं को सक्षम बनाने के क्षेत्र में अलग पहचान स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में ही एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ तीन वर्ष का अनुबंध किया जा रहा है।
अनुबंध पत्र पर शीघ्र हस्ताक्षर किए जाएंगे। 85 प्रतिशत भागीदारी कंपनी की होगी। सरकार की हिस्सेदारी मात्र 25 प्रतिशत होगी। कंपनी के साथ मैराथन बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कुछ वर्षों बाद यह संपत्ति राज्य सरकार की हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। भविष्य में नए इंजीनियर रोजगार सृजित करने में भी योगदान देंगे।
शिक्षा व्यवस्था मजबूत बनाने को चिंतन शिविर कल से
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए शुक्रवार से दो दिनी राज्य स्तरीय चिंतन शिविर प्रारंभ होगा। शिविर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के साथ ही माध्यमिक स्तर पर स्कूल कांपलेक्स, प्रारंभिक शिक्षा में नामांकन और ठहराव को लेकर विकासखंड से लेकर प्रदेश स्तर के शिक्षाधिकारी भाग लेंगे। चिंतन शिविर के प्रथम सत्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे।
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत की पहल पर हो रहे इस दो दिनी शिविर में पहले दिन मुख्यमंत्री और दूसरे दिन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करेंगे। शिविर में बुनियादी शिक्षा, हाईब्रिड लर्निंग, वंचित व दिव्यांग बच्चों के चिह्नांकन, केंद्रपोषित परियोजनाओं पर प्रस्तुतीकरण होंगे। सभी जिलों की ओर से भी शिक्षा पर प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा।
डा धन सिंह रावत ने बताया कि शिविर में प्राप्त सुझावों को क्रियान्वित किया जाएगा। परीक्षा परिणाम में सुधार और विद्यालयों में अनुश्रवण को लेकर मंथन किया जाएगा। शिविर के संचालन को विभागीय अधिकारियों की दो दर्जन से अधिक समितियां गठित की गई हैं। शिविर में जिलों में शिक्षा में नवाचारी व उत्कृष्ट कार्यों पर भी प्रस्तुतीकरण होगा।