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पांच साल बीते, नहीं बन पाई मसूरी में पांच मंजिला कार पार्किंग

पांच साल बीत गए और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) किंक्रेग में पांच मंजिला मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण पूरा नहीं कर पाया। बेशक पिछले साल से चल रहे कोरोना के प्रभाव के चलते काम में बाधा पहुंची है मगर वर्ष 2017 में तो कोरोना नहीं था।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:30 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:30 AM (IST)
पांच साल बीते, नहीं बन पाई मसूरी में पांच मंजिला कार पार्किंग
पांच साल बीत गए और लोनिवि किंक्रेग में पांच मंजिला मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण पूरा नहीं कर पाया।

जागरण संवाददाता, देहरादून/मसूरी: पांच साल बीत गए और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) किंक्रेग में पांच मंजिला मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण पूरा नहीं कर पाया। बेशक पिछले साल से चल रहे कोरोना के प्रभाव के चलते काम में बाधा पहुंची है, मगर वर्ष 2017 में तो कोरोना नहीं था। इसका निर्माण पूरा करने की डेडलाइन जून 2017 थी।

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इस पार्किंग का निर्माण वर्ष 2015 में पर्यटन विभाग के बजट से शुरू किया गया था। इसका जिम्मा फरीदाबाद (हरियाणा) की कंपनी ऋचा इंडस्ट्रीज को सौंपा गया था। इस परियोजना में शुरुआत से ही हीलाहवाली हावी रही। इसके चलते लोनिवि ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी भी शुरू कर दी थी। तब मुख्य अभियंता स्तर-प्रथम कार्यालय ने ठेकेदार को एक और मौका देते हुए पांच जुलाई 2019 तक काम पूरा करने को कहा। हालांकि, ठेकेदार को एक अवसर और मिलने के बाद भी काम की रफ्तार नहीं बढ़ी। इसकी बड़ी वजह रहा पार्किंग का गलत डिजाइन। कंसलटेंट ने जो डिजाइन तैयार किया था, वह तकनीकी रूप से ठीक नहीं था। इसके बाद आइआइटी रुड़की से नया डिजाइन तैयार कराया गया और इसी के अनुरूप डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में भी संशोधन हुआ। शुरुआत में परियोजना में जो हीलाहवाली बरती गई, उसी का नतीजा है कि पार्किंग का निर्माण अब तक अधर में लटका है।

पांचों मंजिल में स्लैब पड़े, दो मंजिल तक एप्रोच जुड़ी

लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल ने बताया कि कोरोनाकाल में पैदा हुई अड़चनों को दूर करते हुए अब निर्माण की रफ्तार बढ़ा दी गई है। पांचों मंजिल के स्लैब पड़ चुके हैं और एक मंजिल को दूसरी मंजिल से जोडऩे के एप्रोच तैयार किए जा रहे हैं। दो मंजिल के एप्रोच जुड़ भी चुके हैं। शेष को जोडऩे का काम गतिमान है। एक तरह से पार्किंग का ढांचा तैयार है। प्रयास है कि जून तक पार्किंग हो जाए।

 

स्लैब के नीचे लगने वाली स्टील कोटिंग के कारण अटका काम

अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल के मुताबिक स्लैब के नीचे निर्धारित मोटाई में स्टील कोटिंग की जाती है। कोरोनाकाल में इसकी आपूर्ति बाधित हो गई थी। इसका कच्चा माल चीन से भी आता है। उस वक्त हालात तनावपूर्ण होने के चलते स्टील कोटिंग उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। अब इसकी आपूर्ति होने लगी है, लिहाजा निर्माण पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है। 

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मल्टीलेवल कार पार्किंग पर एक नजर

कुल मंजिल---------------------------पांच

पार्किंग --------------------------- 212 कार

काम शुरू--------------------------- अक्टूबर-नवंबर 2015

लागत--------------------------- 31.78 करोड़ रुपये

अब तक खर्च--------------------------- करीब 11 करोड़ रुपये

अब तक भुगतान--------------------------- 15 करोड़ रुपये

पहली डेडलाइन--------------------------- पांच जून 2017

डेडलाइन बढ़ाई--------------------------- सात जुलाई 2018

दूसरी डेडलाइन--------------------------- 29 जुलाई 2019

तीसरी डेडलाइन--------------------------- 31 मार्च 2020

चौथी डेडलाइन--------------------------- जून 2021

कार्य प्रगति--------------------------- करीब 85 फीसद

काम पूरा करने की संभावित तिथि, अभी तक अस्पष्ट

30 लाख के करीब पहुंचा पर्यटकों का आंकड़ा

वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन के दौरान पर्यटन विभाग ने सालभर में मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब साढ़े आठ लाख आंकी थी। यह आंकड़ा अब बढ़कर 30 लाख के करीब पहुंच गया है। वर्ष 2018 में मसूरी में 28.75 लाख पर्यटकों की आमद रिकॉर्ड की गई थी। इस लिहाज से देखें तो पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा होने के बाद भी विभाग ढांचागत संसाधन जुटाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

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