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गजब: एसडीएम बोले मुझे सोने दो, डिस्टर्ब न करो; पढ़िए पूरी खबर

जब प्रवासियों की शिकायत पर एसडीएम ने दो टूक जवाब दिया कि उनके पास प्रवासियों को ठहराने की व्यवस्था नहीं है इसलिए मुझे सोने दिया जाए।

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2020 02:58 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 02:58 AM (IST)
गजब: एसडीएम बोले मुझे सोने दो, डिस्टर्ब न करो; पढ़िए पूरी खबर
गजब: एसडीएम बोले मुझे सोने दो, डिस्टर्ब न करो; पढ़िए पूरी खबर

ऋषिकेश, जेएनएन। देर रात महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से आए दर्जनों प्रवासी उस वक्त फुटबॉल बन गए, जब टिहरी व देहरादून जनपद की सीमा के बीच उनके वाहन फंस गए। प्रवासियों को ना तो टिहरी जनपद की पुलिस और ना ही प्रशासन ने अपनी सीमा में आने दिया और ना ही देहरादून जनपद की पुलिस ने उन्हें वापस लौटने दिया। हद तो तब हो गई जब प्रवासियों की शिकायत पर एसडीएम ने दो टूक जवाब दिया कि उनके पास प्रवासियों को ठहराने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए मुझे सोने दिया जाए।

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घटनाक्रम के मुताबिक शुक्रवार रात्रि करीब दस बजे महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से प्रवासियों से भरी पांच बसें ऋषिकेश पहुंची। मुनिकीरेती में आवागमन शिविर बनाया गया है, यह कहकर इन बसों को ऋषिकेश से मुनिकीरेती में टिहरी जनपद की सीमा पर भेज दिया गया। मगर, टिहरी जनपद पुलिस ने बसों को सीमा पर ही रोक दिया। इन बसों में टिहरी, पौड़ी व देहरादून जनपद के लोग सवार थे। उधर, मुनिकीरेती पुलिस ने उन्हें ऋषिकेश लौटने की सलाह दी। मगर, जब बसें वापस लौटी तो ऋषिकेश सीमा पर पुलिस ने बसों को वापस नहीं आने दिया। जिससे बसों में सवार दर्जनों लोग महिलाओं को बच्चों को लेकर सड़क पर आ गए। 

इस संबंध में जब उप जिलाधिकारी ऋषिकेश प्रेमलाल को फोन पर जानकारी दी गई तो उन्होंने प्रवासियों की बसों को रायपुर भेजने की सलाह दी। उनका कहना था कि इस वक्त ऋषिकेश में उनके पास प्रवासियों को ठहराने के लिए कोई जगह नहीं है और इस समय वह सो रहे हैं। इसलिए उन्हें डिस्टर्ब न किया जाए। उधर, प्रवासियों ने दोनों सीमाओं के बीच हंगामा करना शुरू कर दिया। देर रात पर वासियों ने जब कबीना मंत्री सुबोध उनियाल को इसकी जानकारी दी तो उसके बाद उप जिलाधिकारी नरेंद्रनगर ने मुनिकीरेती से पुलिस को मौके पर भेजा। रात्रि करीब एक बजे पुलिस ने टिहरी जनपद के लोगों की सूची तैयार कर अपनी सीमा में ले लिया। जबकि देहरादून व अन्य जनपद के लोगों को अन्य वाहनों से रायपुर के लिए रवाना करा दिया।

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अहम सवाल यह है कि देर रात पहुंचने वाले प्रवासियों को लेकर आखिर प्रशासन किस तरह की व्यवस्था कर रहा है। प्रवासी अपने परिवार वह बच्चों के साथ यहां पहुंच रहे हैं, उनके भोजन की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

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