ऋषिकेश में पहली बार पांडव नृत्य का आयोजन, नाट्य मंचन भी रहेगा खास
ऋषिकेश में पहली बार पांडव नृत्य और समकालीन मांडवी लोक नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
ऋषिकेश, जेएनएन। उत्तराखंड लोक संस्कृति संरक्षण समिति की ओर से तीर्थनगरी में पहली बार पांडव नृत्य और समकालीन मांडवी लोक नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग नाट्य मंचन किया जाएगा।
ऋषिकेश के 14 बीघा स्थित मैदान में पांच दिवसीय पांडव नृत्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान कृषि मंत्री ने आयोजक समिति को दस लाख की सहायता की प्रोत्साहन राशि का चेक दिया। इस अवसर पर महापौर अनीता ममगार्इं भी मजूद रहीं। आपको बता दे कि समारोह में पांडव नृत्य के साथ द्रुपदा की लाज, चक्रव्यूह, गैंडा वध का नाट्य मंचन भी किया जाएगा।
ढालवाला स्थित चंद्र पैलेस से शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया। शोभा यात्रा ढालवाला, नटराज चौक होते हुए ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पहुंची। जहां से पारंपरिक ढोल, दमाऊ, शंख, थाल के साथ शोभा यात्रा आयोजन स्थल तक पहुंची। शोभा यात्रा में पांच पांडवों के साथ द्रोपदी के रूप में सजे कलाकार आकर्षण का केंद्र रहे।
वहीं, उत्तराखंड के पारंपरिक परिधान और वेशभूषा में महिलाएं शोभा यात्रा का हिस्सा बनी। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष आसाराम व्यास, महासचिव विशाल मणि पैन्यूली, सचिव डॉ सुनील दत्त थपलियाल, नरेंद्र मैठानी, ज्योति सजवान, विनोद बिजलवान, रामकृष्ण पोखरियाल, बीना जोशी, रवि शास्त्री, धनीराम बिनजोल, सचिन पैन्यूली आदि उपस्थित थे।
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