कहीं अग्निकांड के 'दुर्भाग्य' में तो नहीं 'सौभाग्य'
कर्मचारी संगठन अग्निकांड को लेकर लगातार मुखर हैं और चर्चा है कि आग की भेंट चढ़े हजारों मीटरों के तार सौभाग्य योजना से जुड़े तो नहीं है।
देहरादून, जेएनएन। भले ही आराघर विद्युत भंडार केंद्र में लगी आग कुछ घंटों में बुझ गई हो, मगर इसकी राख में अब भी कई सवाल लगातार सुलगते नजर आ रहे हैं। कर्मचारी संगठन अग्निकांड को लेकर लगातार मुखर हैं और चर्चा है कि आग की भेंट चढ़े हजारों मीटरों के तार सौभाग्य योजना से जुड़े तो नहीं है। हालांकि सच क्या है, यह तो भविष्य के गर्भ में है, जो जांच के बाद ही सामने आ पाएगा।
दरअसल, अग्निकांड में इलेक्ट्रिक मीटरों को ही ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इसलिए अग्निकांड के तार सौभाग्य योजना से भी जोड़कर देखे जा रहे हैं। वहीं, चर्चा तो ये भी है कि दो दिन पहले सचिव राधिका झा द्वारा सौभाग्य योजना की जांच को जगह-जगह किए जा रहे औचक निरीक्षणों को लेकर अधिकारियों में दबाव था, शायद इससे बचने के लिए तो किसी ने घटना को अंजाम तो नहीं दिया। लेकिन, अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही हैं।
बाहरी संस्था से कराएं जांच
विद्युत भंडार केन्द्र में लाखों के राजस्व को नुकसान होने से कर्मचारी संगठनों में रोष नजर आ रहा। हर कोई घटना की निष्पक्ष एवं गहन जांच की मांग कर रहा है। ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि मामले की बाहरी संस्था से जांच कराई जानी चाहिए, क्योंकि इससे पहले भी पिटकुल, यूजीवीएन में हुई अनियमितताओं की जांच तमाम जांचों में भी कुछ प्राप्त नहीं हुआ। विद्युत अधिकारी -कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा पहले ही यह मांग कर चुका है।
जांच की आंच में दो पर गिरी गाज
आराघर विद्युत भंडार केन्द्र के अग्निकांड में दो अधिकारियों पर गाज गिरी है। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने प्रथम दृष्टया सहायक अभियंता भंडार केन्द्र अनुज अग्रवाल व सहायक मुकेश अग्रवाल को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। एमडी ने जांच की जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर एमसी गुप्ता को सौंपी है और 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।
बुधवार सुबह से अग्निकांड तपिश यूपीसीएल मुख्यालय में साफ महसूस की जाती रही। बीती देर रात ही एमडी द्वारा मामले कि निष्पक्ष जांच के आदेश दे दिए गए थे, वहीं अगले दिन एमडी ने सहायक अभियंता भंडारण अनुज अग्रवाल व सहायक मुकेश कुमार को भंडार केन्द्र की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है। अनुज अग्रवाल व मुकेश को यूपीसीएल मुख्यालय में संबद्ध किया है। वहीं, तीन सदस्यीय जांच कमेटी को तय समयसीमा पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
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