पांच करोड़ से कम टर्नओवर पर भरें सिर्फ तिमाही रिटर्न, पढ़िए पूरी खबर
जीएसटी की नई रिटर्न प्रणाली जो एक अप्रैल 2020 से अनिवार्य हो जाएगी उसके ट्रायल वर्जन पर राज्य कर अधिकारियों ने व्यापारियों की प्रतिक्रिया प्राप्त की।
देहरादून, जेएनएन। जीएसटी की नई रिटर्न प्रणाली जो एक अप्रैल 2020 से अनिवार्य हो जाएगी, उसके ट्रायल वर्जन पर राज्य कर अधिकारियों ने व्यापारियों की प्रतिक्रिया प्राप्त की।
शनिवार को लक्ष्मी रोड स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय में कारोबारियों को संबोधित करते हुए संयुक्त आयुक्त राकेश वर्मा ने कहा कि नई रिटर्न प्रणाली में सामान्य (आरईटी-1), सहज (आरईटी-2) और सुगम (आरईटी-3) रिटर्न प्रणाली प्रस्तावित हैं। एक अप्रैल 2020 से इन्हें लागू करने से पहले ट्रायल वर्जन लागू किया गया है। नई प्रणाली में पांच करोड़ रुपये से कम के कारोबार पर सिर्फ तिमाही रिटर्न दाखिल की जाएगी। पिछले वर्ष जिन कारोबारियों का रिटर्न पांच करोड़ रुपये से अधिक पर दाखिल किया गया, वह सामान्य श्रेणी में रिटर्न दाखिल करेंगे।
इसे मासिक और त्रैमासिक दोनों स्तर पर दाखिल किया जाएगा। वहीं, जो कारोबारी सिर्फ उपभोक्ताओं को सामान बेचते हैं, वह सहज श्रेणी में त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करेंगे। हालांकि, जो कारोबारी उपभोक्ताओं समेत अन्य कारोबारियों को उत्पाद बेचते हैं, वह भी सहज श्रेणी में त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करेंगे। इसी तरह शून्य टर्नओवर वाले पंजीकृत कारोबारी एसएमएस के माध्यम से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
यह बात भी गौर करने वाली है कि किसी भी श्रेणी के कारोबारियों को कर मासिक रूप से ही जमा करना होगा। लिहाजा, नई रिटर्न प्रणाली के ट्रायल वर्जन का कारोबारी ज्यादा से ज्याद प्रयोग करें और अपने सुझाव विभाग तक पहुंचाएं, जिससे समय पर उनमें संशोधन किया जा सके।
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