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जल संस्थान के फील्ड कर्मियों ने मांगा जोखिम भत्ता, तो पुलिस कर्मियों के लिए उठी ये मांग

जल संस्थान के फील्ड कर्मी लॉकडाउन में पेयजल आपूर्ति और सीवर निस्तारण कर रहे हैं। कर्मियों ने अब जोखिम भत्ता देने की मांग की है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 05:14 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 05:14 PM (IST)
जल संस्थान के फील्ड कर्मियों ने मांगा जोखिम भत्ता, तो पुलिस कर्मियों के लिए उठी ये मांग
जल संस्थान के फील्ड कर्मियों ने मांगा जोखिम भत्ता, तो पुलिस कर्मियों के लिए उठी ये मांग

देहरादून, जेएनएन। जल संस्थान के फील्ड कर्मी लॉकडाउन में पेयजल आपूर्ति और सीवर निस्तारण कर रहे हैं। कर्मियों ने अब जोखिम भत्ता देने की मांग की है। इस बाबत कार्मिकों ने जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र भी भेजा है। वहीं, उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पुलिस कर्मियों का महंगाई भत्ता न काटा जाए।

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उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, जल संस्थान के महासचिव इंजीनियर प्रशांत कुमार सेमवाल ने बताया कि प्रमुख मांगों में सहायक अभियंताओं के रिक्त पदों पर योग्यता के अनुरूप कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नत करना। कोरोना महामारी से के बीच ड्यूटी कर रहे कार्मिकों का बीमा कवर हो। नई पेंशन योजना के तहत अच्छादित कार्मिकों को राजकीय कर्मचारियों की भांति पारिवारिक पेंशन दी जाए। वन नेशन वन पेंशन के लिए 2004 के भर्ती कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लागू करने को कार्रवाई हो।

पुलिसकर्मियों का न काटा जाए महंगाई भत्ता

उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पुलिस कर्मियों का महंगाई भत्ता न काटा जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि पुलिस कोरोना महामारी में सबसे बड़े योद्धा के रूप में मोर्चे पर डटी है। डीए कटौती से उनका मनोबल टूटेगा। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजे पत्र में कहा है कि प्रदेश का हर कर्मचारी सरकार के सहयोगी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है। पुलिस के सिपाही अत्यंत अल्प वेतन भोगी होने के साथ-साथ अपने कार्यस्थल में 12-12 घंटे की ड्यूटी देने के अतिरिक्त जगह-जगह राशन इत्यादि बांटने का काम भी कर रहे हैं।

फ्रीज डीए पर सचिवालय संघ ने मांगी आयकर छूट

सचिवालय संघ ने सरकार द्वारा फ्रीज किए गए महंगाई भत्ते को कर्मचारियों और अधिकारियों का सहयोग मानते हुए इसे मुख्यमंत्री राहत कोष में शामिल करने की मांग की है। साथ ही इस धनराशि में कार्मिकों को आयकर में छूट देने की मांग की गई है। संघ ने सरकार से राज्य की आर्थिक स्थिति के मद्देनजर विभिन्न विभागों और निगमों में सलाहकार के रूप में नियुक्त सेवानिवृत्त अधिकारियों और दायित्वधारियों को तत्काल हटाने की भी मांग की है।

सोमवार को संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव राकेश जोशी ने सचिव वित्त अमित नेगी से मुलाकात कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संघ ने सरकार से कोरोना के खिलाफ जंग में हरसंभव सहयोग देने की बात कही है। ज्ञापन में कहा गया है कि डीए फ्रीज करने से सरकार को 1200 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसे सीएम राहत कोष में शामिल किया जाए। मांग की है कि वर्ष 2021 में जब महंगाई भत्ते को लागू किया जाए, तो वर्तमान के चार प्रतिशत और भविष्य में होने वाली महंगाई का मूल्यांकन कर एक साथ बढ़ाया जाए।

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इस अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की पेंशन में इसे जोड़ा जाए, जिससे वे दोहरी मार से बच सकें। संघ ने कोरोना की आड़ में अन्य कोई कटौती न करने का भी अनुरोध किया। राज्य की आर्थिक स्थिति देखते हुए दायित्वधारियों को हटाने, भविष्य में सलाहकार के पद पर सेवानिवृत्त अधिकारी को तैनात न करने और अपर सचिव व उससे उच्च अधिकारियों को कैंप सहायक के रूप में दी जा रही सेवाओं को शासकीय हित में वापस लेने, एक अधिकारी को एक वाहन देने व पूल सिस्टम से वाहनों की उपयोगिता सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया है।

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