फिक्की ने देशभर से 14 प्रतिष्ठित महिलाओं को दिया सम्मान, जानिए
फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन की ओर से फ्लो अचीवर्स अवार्ड 2019 कार्यक्रम में देशभर से 14 प्रतिष्ठित महिलाओं को सम्मानित किया गया।
देहरादून, जेएनएन। फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन की ओर से फ्लो अचीवर्स अवार्ड 2019 कार्यक्रम में देशभर से 14 प्रतिष्ठित महिलाओं को सम्मानित किया गया। अवार्ड समारोह में ऐसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल, अंजू मोदी और लेफ्टिनेंट कमांडर पी स्वाति ने अपने अनुभवों को साझा किया।
फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन ने बुधवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में फ्लो अचीवर्स अवार्ड 2019 का आयोजन किया। कार्यक्रम में देशभर से 100 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। इस दौरान ऑर्गेनाइजेशन की शिल्पी अरोरा ने 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट साझा की। जिसमें उन्होंने पिछले 15 महीनों के काम की जानकारी दी। इसके बाद टॉक सेशन आयोजित किया गया। जिसमें फैशन डिजाइनर अंजू मोदी, लेफ्टिनेंट कमांडर पी स्वाति और एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान फैशन डिजाइनर अंजू मोदी को फिक्की द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। इसके बाद शिल्पी अरोरा ने नाजिया इजुद्दीन को वर्ष 2019-20 के लिए उत्तराखंड फिक्की फ्लो के अध्यक्ष पद का भार सौंपा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व अध्यक्ष डॉ. कुसुम अंसल, गेस्ट ऑफ ऑनर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष फ्लो अर्चना लूथरा, शिल्पी गोयल, किरण भट्ट टोडरिया, पूजा अग्रवाल, अनुपमा खन्ना, कोमल बत्रा, सारिका पंची, राशी सिंघल, नैना काचरू समेत अन्य मौजूद रहीं।
इनको मिला सम्मान
अंजू मोदी, लक्ष्मी अग्रवाल, डॉ. वीना खंडूरी, रिधि मेहरा, आरुषि निशंक, नूपुर अग्रवाल, देवांशी राणा, राधिका झा, लेफ्टिनेंट कमांडर पी स्वाति, करिश्मा मंगा बेदी, विंग कमांडर अनुपमा जोशी गुसाईं, लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी और प्रेरणा डांगी।
महिलाओं का सुंदरता से ज्यादा आत्मनिर्भरता पर ध्यान देना जरूरी :लक्ष्मी
महिलाओं के लिए चेहरा उतना जरूरी नहीं होता जितनी आत्मनिर्भरता। यह बात महिलाएं जितनी जल्दी समझ जाएं, उतना उनके लिए फायदेमंद साबित होती है। ऐसा ऐसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा। बुधवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में सम्मलित होने पहुंची ऐसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल ने मीडिया के समक्ष महिलाओं के प्रति अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए सुंदर चेहरे से ज्यादा आत्मनिर्भर होना जरूरी होता है। 15 साल की उम्र में जब मुझ पर ऐसिड से अटैक किया गया। तब एक समय था जब मैने जीने की आस छोड़ दी थी, लेकिन मेरे परिवार ने मेरा ढाढस बांधा और मुझे शान से समाज में जीने के लिए प्रेरित किया।
उस दौरान मुझे लगता था कि एक लड़की के लिए चेहरा ही सब कुछ होता था, लेकिन मै गलत थी, अब मेरे लिए चेहरा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कहीं भी किसी कार्य में खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए। लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे इस सबसे आगे बढ़कर महिलाओं को सकारात्मक सोच के साथ कार्य की शुरुआत करनी चाहिए। परिवार के सदस्यों को भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में योगदान देना चाहिए। मुश्किल समय में महिलाओं का साथ देना चाहिए। ऐसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित फिल्म छपाक बन रही है। जो आगामी जनवरी में रिलीज होने जा रही है, हालांकि उन्होंने फिल्म पर बात करने से इन्कार किया।
खुद को पुरुषों से कम नहीं आंकना चाहिए
पातरलापल्ली स्वाति नौसेना में ले. कमांडर के पद पर तैनात पातरलापल्ली स्वाति ने कहा कि आज के समय में कोई ऐसा काम नहीं जिसे करने में महिलाएं सक्षम नहीं। जो महिलाएं किसी कार्य को करने में खुद को असहज समझती हैं, उन्हें अपने जेंडर को भूल कर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जब हमने पहली बार बोट में कदम रखा था तब हमारे अधिकारियों ने हमें सख्त हिदायत दी थी कि अपने जेंडर को भूलकर इसमें कदम रखो। महिलाओं को किसी से मदद की उम्मीद का त्याग कर खुद अपनी मदद करनी चाहिए। मेरा बचपन से डॉक्टर बनने का सपना था, लेकिन अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए मैने नौसेना को चुना। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
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