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    पिता बच्चों को अकेला छोड़ घर से भागा, मां की पांच साल पहले हो चुकी मौत; एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने किया रेस्क्यू

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Wed, 23 Jun 2021 01:26 PM (IST)

    तीन बच्चों के सिर से मां का साया क्या उठा पिता भी उन्हें उनके हाल पर छोड़कर भाग गया। जब इसकी सूचना जब एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को मिली तो टीम तुरं ...और पढ़ें

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    पिता बच्चों को अकेला छोड़ घर से भागा, मां की पांच साल पहले हो चुकी मौत।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। तीन बच्चों के सिर से मां का साया क्या उठा, पिता भी उन्हें उनके हाल पर छोड़कर भाग गया। जब इसकी सूचना जब एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को मिली तो टीम तुरंत डोईवाला पहुंच गई और तीनों बच्चों को अपने साथ देहरादून ले आई।

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    एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के एसआइ मोहन सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि केशवबस्ती, डोईवाला में तीन बच्चे किराये के घर में रह रहे हैं। पुलिस टीम डोईवाला स्थित केशवबस्ती पहुंची। जहां तीनों बच्चों की काउंसलिंग की गई तो पता चला कि बच्चों की मां की मृत्यु पांच साल पहले हो गई थी। वह अपने पिता के साथ किराये के कमरे में रहते थे। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर पिता दिसंबर 2020 में उन्हें छोड़कर कहीं चला गया और लौटकर नहीं आया।

    इनमें दो बालिकाएं 12 व 11 साल की हैं, जबकि एक बालक पांच वर्ष का है। दोनों बालिकाएं महिला के पहले पति से हैं। पहले पति की मृत्यु के बाद महिला ने डोईवाला निवासी एक व्यक्ति से दूसरी शादी कर ली। इसके बाद उनका एक बेटा हुआ। बेटे के जन्म के समय ही महिला की मौत हो गई, जिसके कारण तीनों के सिर से मां का साया उठ गया। आरोप है कि मां की मृत्यु के बाद से ही पिता ने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया था।

    बच्चों को न तो अपने किसी रिश्तेदार के बारे में पता है और ना ही उनका कोई अपना घर है। बच्चों की सुरक्षा व भविष्य को देखते हुए उन्हें एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने रेस्क्यू कर मेडिकल करवाने के बाद मंगलवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। समिति के आदेश पर बच्चे को शिशु निकेतन व बालिकाओं को बालिका निकेतन केदारपुरम भेजा गया है।

    मकान मालिक ने निभाया माता-पिता का फर्ज

    कोरोनाकाल में जहां अपने ही बेगाने हो गए, वहीं जिस मकान में बच्चे रह रहे थे, वहां की मालकिन ने माता व पिता दोनों का फर्ज निभाते हुए उनका लालन-पालन किया। एसआइ मोहन सिंह ने बताया कि जिस घर में बच्चे रह रहे थे, उनकी मकान मालकिन की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने तीनों बच्चों को अपने घर पर रखा और खुद ही उनके खाने-पीने का इंतजाम किया। कोरोनाकाल के कारण जब मकान मालकिन की भी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई तो उन्होंने किसी तरह यूनिट से संपर्क किया।

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