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पांच सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाले हरमीत परिवार इतना खफा कि उसे देखना चाहता है फांसी पर लटका

सात साल पहले देहरादून में दीपावली के दिन परिवार के पांच सदस्‍यों को हरमीत सिंह ने मौत के घाट उतरा दिया था। कल कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। स्‍वजन हरमीत से इतना खफा हैं कि वे उसे फांसी पर लटका देखना चाहते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 12:05 PM (IST)
पांच सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाले हरमीत परिवार इतना खफा कि उसे देखना चाहता है फांसी पर लटका
कोर्ट का फैसला सुनने के लिए अदालत पहुंचे मृतक के स्वजन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। संपत्ति के लिए अपने ही परिवार के पांच सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाले हरमीत सिंह से मृतक जय सिंह के भतीजे एवं शिकायतकर्ता अजीत सिंह और उनका परिवार इतना खफा है कि उसे फांसी पर लटका देखना चाहता है। इस मामले में अदालत का फैसला सुनने के लिए अजीत मंगलवार को अपने रिश्तेदारों के साथ अदालत में मौजूद रहे। शाम को अदालत ने जैसे ही हरमीत को फांसी की सजा सुनाई, उनके चेहरे पर खुशी छा गई और आंखों से आंसू छलक पड़े।

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हरमीत की सजा पर अदालत का फैसला आने के बाद अजीत ने कहा कि इस पल का वह वर्षों से इंतजार कर रहे थे। फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि हरमीत ने जिस बेरहमी से अपनों का खून बहाया, वैसा दुश्मन भी नहीं करते। इसलिए उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए। इस मामले में पैरवी के लिए अजीत ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता बीडी झा का गले लगकर शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होंने अधिवक्ता प्रीति झा और प्रियंका झा को भी धन्यवाद दिया।

पिता को फोन पर दी जानकारी

अदालत का फैसला आने की खबर अजीत सिंह ने अपने 90 वर्षीय पिता जोगिंदर सिंह को फोन पर दी। फैसला सुनकर जोगिंदर भी रोने लगे। जोगिंदर सिंह चलने-फिरने में असमर्थ हैं। ऐसे में वह अदालत नहीं पहुंच सके।

रिटायर्ड होने के बाद भी हर पेशी पर कोर्ट आए जांच अधिकारी विनोद

इस घटना के जांच अधिकारी रहे इंस्पेक्टर विनोद कुमार जेठा सेवानिवृत्त होने के बाद भी लगातार कोर्ट में पेशी पर आते रहे। विनोद उस वक्त कैंट कोतवाली में तैनात थे। मंगलवार को फैसला सुनने के लिए भी वह अदालत पहुंचे। अदालत के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि यह दिल दहलाने वाली घटना थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए उस समय पुलिस महानिदेशक रहे बीएस सिद्धू भी मौके पर पहुंचे थे।

दोषी बोला, जेल में नहीं मिल रही मच्छी

फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भी कठघरे में खड़े हरमीत के चेहरे पर शिकन नहीं दिखी। इस दौरान वह लगातार पुलिसकर्मियों से बातचीत करता रहा। उसने पुलिसकर्मियों से कहा कि जज साहब के पास शिकायत दर्ज करवाएं कि जेल में खाने के लिए मच्छी नहीं मिलती।

फोर्स के बीच लाया गया अदालत

दोषी हरमीत की सजा पर अदालत का फैसला जानने के लिए पीड़ि‍त पक्ष से भारी संख्या में लोग अदालत पहुंचे थे। ऐसे में हरमीत पर हमले की आशंका को देखते हुए उसे कड़ी सुरक्षा में अदालत तक लाया गया। कोर्ट के बाहर भी हथियारों से लैस पुलिसकर्मी तैनात रहे।

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