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आबकारी लक्ष्य अभी चार सौ करोड़ रुपये दूर

आबकारी विभाग मौजूदा वित्तीय वर्ष में अपने निर्धारित लक्ष्य से अभी 400 करोड़ रुपये पीछे चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 08:09 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 08:09 PM (IST)
आबकारी लक्ष्य अभी चार सौ करोड़ रुपये दूर
आबकारी लक्ष्य अभी चार सौ करोड़ रुपये दूर

राज्य ब्यूरो, देहरादून: आबकारी विभाग मौजूदा वित्तीय वर्ष में अपने निर्धारित लक्ष्य से अभी 400 करोड़ रुपये पीछे चल रहा है। आबकारी विभाग ने अभी तक 2650 करोड़ रुपये के सापेक्ष 2277 करोड़ हासिल कर लिए हैं। विभाग अगले वित्तीय वर्ष यानी वर्ष 2019-20 के लिए कुल लक्ष्य में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा अवैध शराब की तस्करी को रोकने के लिए नियमों को और सख्त बनाने की तैयारी चल रही है।

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आबकारी महकमा प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व देने वाले महकमों में शामिल है। हालांकि बीते कुछ वर्षो से विभाग निर्धारित लक्ष्य को छूने में नाकाम रहा है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे रहा था। इस कारण बीते वर्ष विभाग ने आबकारी नीति में परिवर्तन करते हुए ई-टेंड¨रग के माध्यम से दुकानों का आवंटन किया। सभी दुकानों की बोली लगे, इसके लिए समूहों में दुकानों की बोली भी लगाई गई। विभाग ने बीते वर्ष 626 दुकानों की बोली लगाई थी। इन दुकानों से विभाग को तकरीबन 1500 करोड़ रुपये मिले थे। हालांकि, यह रकम एकमुश्त न मिलकर विभागों को किश्तों में मिली। इतना ही नहीं, बीते वर्ष विभाग ने नीति में अहम परिवर्तन करते हुए अवैध शराब की तस्करी में जुर्माने की रकम में भी बढ़ोतरी की थी।

विभाग को अभी तक मिले राजस्व के आंकड़ों पर नजर डालें तो विभाग ने जनवरी माह तक के लिए 2418 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके सापेक्ष सभी वसूली मिलाकर विभाग 2277 करोड़ तक ही पहुंच पाया है। इसके बाद विभाग के पास कुल लक्ष्य यानी 2650 करोड़ तक पहुंचने के लिए केवल दो माह शेष हैं। हालांकि, विभाग उम्मीद जता रहा है कि वह इन दो माह में निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लेगा।

आबकारी मंत्री प्रकाश पंत का कहना है कि विपरीत परिस्थितियों के कारण वर्ष 2017-18 में आबकारी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया था। इस बार स्थिति बदली है और विभाग निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लेगा। इस बार भी दुकानों का आवंटन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। इस बार अवैध तस्करी पर रोक लगाकर शराब का कारोबार करने वालों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाएगा।

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