अगर बोर्ड एग्जाम में लाने हैं अच्छे नंबर तो लें पूरी नींद, जानिए
विशेषज्ञ मानते हैं कि परीक्षा की तैयारी के बीच आठ घटे की पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। नींद अधूरी रही तो छात्रों को याददाश्त कमजोर होने की दिक्कत से जूझना पड़ सकता है।
देहरादून, जेएनएन। बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को कई तरह की मानसिक व शारीरिक समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। कुछ हद तक ये समस्याएं वास्तव में होती हैं, जबकि कई बार छात्र इनके होने का भ्रम पाल लेते हैं। ऐसे में तनाव हावी होना स्वाभाविक है। कई छात्रों की तो इस कारण नींद भी उड़ जाती है। इस एग्जाम फीवर के चलते परीक्षा की तैयारी भी सही ढंग से नहीं हो पाती।
बोर्ड परीक्षा का तनाव छात्रों पर इस कदर हावी होता है कि उनका दिन का चैन, रातों की नींदें उड़ जाती हैं। अकसर छात्र रात-रातभर जागकर परीक्षा में बेहतर अंक हासिल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह कवायद उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि परीक्षा की तैयारी के बीच आठ घटे की पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। नींद अधूरी रही तो छात्रों को याददाश्त कमजोर होने की दिक्कत से जूझना पड़ सकता है। देर रात तक पढ़कर सुबह जल्दी उठने वाले छात्र रात का पढ़ा हुआ भूल सकते हैं।
एग्जाम स्ट्रेस की सामान्य प्रतिक्रियाएं
- नींद न आना, स्ट्रेस या एग्जाम फोबिया।
- सिरदर्द अथवा माइग्रेन डिप्रेशन।
- सांस का तेज या धीमा होना, एकाग्रता में कमी।
- एलर्जी, आत्मविश्वास गिरना।
- पाचन संबंधी दिक्कत खुद को कमतर आकना।
छात्रों के लिए सावधानियां
- शेड्यूल मिस न करें।
- भरोसा न गिरने दें।
- लक्ष्य के प्रति समर्पित हों।
- खान-पान में संतुलन।
- पूरी नींद लें, लेट तक न पढ़ें।
- सोच सकारात्मक रखें और रिएक्ट करने से बचें।
- दोस्तों के संपर्क में रहें।
रोजाना 7-8 घटे की नींद अवश्य पूरी करें
सीबीएसई के काउंसलर डॉ. सोना कौशल का कहना है कि पढ़ाई के दौरान हर घटे 15 मिनट का ब्रेक लें और रोजाना 7-8 घटे की नींद अवश्य पूरी करें। जब भी डर लगे, आत्मविश्वास कम लगे और तनाव महसूस होने लगे तो अपने भविष्य के बारे में सकारात्मक सोचें। इससे नई ऊर्जा मिलेगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
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