दिव्यांग छात्रों के लिए तैयार हुआ परीक्षा सॉफ्टवेयर, देश के 6000 छात्र और 200 ट्रेनर उठा पाएंगे लाभ
एनआइईपीवीडी ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। संस्थान ने एक ऑनलाइन परीक्षा सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
देहरादून, जेएनएन। राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान(एनआइईपीवीडी) ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। संस्थान ने देशभर के ऐसे संस्थान जिनमें दिव्यांग छात्रों से जुड़ी पढ़ाई और डिप्लोमा कोर्स चलाए जाते हैं, उनके लिए ऑनलाइन परीक्षा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। देश के 200 प्रशिक्षण केंद्रों के करीब 6000 छात्र और 200 ट्रेनर इसका लाभ ले सकेंगे।
एनआइईपीवीडी ने दिव्यांग छात्र-छात्राओं और प्रशिक्षकों के हित में बड़ी पहल करते हुए ऑनलाइन परीक्षा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। एनआइईपीवीडी के निदेशक डॉ. हिमांग्शु दास ने बताया कि संस्थान ने ऑनलाइन परीक्षा के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल उन सभी प्रशिक्षण केंद्रों में होगा, जहां दिव्यांग छात्रों से जुड़ी पढ़ाई और डिप्लोमा कोर्स चलाए जाते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि सॉफ्टवेयर किसी बाहर की कंपनी से तैयार कराने के बजाय खुद संस्थान के कंप्यूटर शिक्षकों और आइटी विशेषज्ञों ने बनाया है। देश में विभिन्न क्षेत्रों में 200 प्रशिक्षण केंद्रों में इसी सॉफ्टवेयर की मदद से परीक्षा ली जाएगी। ये सॉफ्टवेयर भले ही दिव्यांग छात्रों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, लेकिन इसका लाभ सामान्य और दिव्यांग दोनों ही छात्र ले सकेंगे। निदेशक डॉ. हिमांग्शु दास ने बताया कि छात्रों को सॉफ्टवेयर की पूरी जानकारी देने और इसमें उन्हें दक्ष बनाने के लिए रोजाना ऑनलाइन वेबिनार की मदद से एक से दो घंटा डेमो दिया जा रहा है।
छात्र के पते पर पहुंचेंगी किताबें
कोरोना के चलते लंबे अरसे से स्कूल-कॉलेज बंद हैं। स्कूलों में विभिन्न माध्यमों से ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। लेकिन दिव्यांग छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में कई समस्याएं आ रही हैं। खासकर जिन छात्रों के अभिभावक तकनीकी की समझ नहीं रखते उनके साथ ज्यादा समस्या है। इस मुश्किल समय मे दिव्यांग छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में बाधा न आए इसके लिए एनआइईपीवीडी हरसंभव प्रयास कर रहा है।
एनआइईपीवीडी के मॉर्डन स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य अमित शर्मा ने बताया कि पूर्व में छात्रों को हर विषय की चैप्टरवाइज ऑडियो बुक मेल के माध्यम से भेज दी गई है। अब संस्थान ने हर छात्र के घर पर किताबें भेजना भी शुरू किया है। अमित शर्मा ने बताया कि इससे दिव्यांग छात्रों को पढ़ाई में मदद मिलेगी। ब्रेल लिपि में होने के कारण एक-एक छात्र को 45 से 50 किताबें भेजी जानी हैं। इसके लिए पुस्तकालय संकाय के साथ मिलकर हर बच्चे के घर किताबें भेजी जा रही हैं।