ओएनजीसी के खिलाफ पूर्व सैनिकों ने खोला मोर्चा
ओएनजीसी में उपनल के माध्यम से कार्यरत लगभग 123 सुरक्षा कर्मियों को एक फरवरी से सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया है, जिसका पूर्व सैनिकों ने विरोध किया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: ओएनजीसी में उपनल के माध्यम से कार्यरत लगभग 123 सुरक्षा कर्मियों को एक फरवरी से सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के खिलाफ पूर्व सैनिकों ने मोर्चा खोला है। गुरुवार को पीबीओआर पूर्व सैनिक वेल्फेयर एसोसिएशन ने कर्मचारियों को समर्थन दिया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री सहित संबंधित विभाग को इस विषय में पत्र भेजा है।
गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित पीबीओआर पूर्व सैनिक वेल्फेयर एसोसिएशन की पत्रकार वार्ता में केंद्रीय अध्यक्ष शमशेर सिंह बिष्ट ने ओएनजीसी पर पूर्व सैनिकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उपनल कर्मियों को सरकार का कर्मचारी माना है। उन्होंने कहा कि समान वेतन व न्यूनतम वेतनमान देने के साथ-साथ उनके नियमितीकरण का आदेश जारी हुआ है। बावजूद इसके पूर्व सैनिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। बिष्ट ने कहा कि भारत सरकार के डीजीआर ने पूर्व सैनिकों को 65 वर्ष सेवा में रहने का अधिकार दिया है। इसके विपरीत ओएनजीसी ने 45 से 50 वर्ष की अधिकतम सेवा सीमा तय की है। इसी के तहत करीब 123 सुरक्षा कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है। जबकि ये सभी कर्मचारी पिछले एक दशक से ओएनजीसी में कार्यरत हैं। एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यदि ओएनजीसी अपने इस आदेश को निरस्त नहीं करता तो पूर्व सैनिक बड़े स्तर पर आदोलन करेंगे। इस अवसर पर रिटायर्ड कैप्टन आरडी शाही, संगठन मंत्री कैप्टन सुरेंद्र बिष्ट, महानगर प्रभारी कैप्टन रमेश रावत, शाखा अध्यक्ष कौलागढ़ सूबेदार मेजर शकर क्षेत्री, ऑनरेरी कैप्टन कैलाश चंद्र, महार संगठन के अध्यक्ष हवलदार बलबीर सिंह, नायक विनोद बलूनी, हवलदार पदम सिंह, विक्रम सिंह आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे।