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गोरखा राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने 1971 के युद्ध के शौर्य को किया याद

बीते रोज 4/5 गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) के पूर्व सैनिकों एवं उनके स्वजन ने बांग्लादेश दिवस मनाया। शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जवानों ने इस लड़ाई में अपने दुश्मनों पर ज्यादातर खुखरी से हमला किया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 04:19 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 04:19 PM (IST)
गोरखा राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने 1971 के युद्ध के शौर्य को किया याद
बांग्लादेश दिवस पर आयोजित दिवस में 4/5 गोरखा राइफल्स के पूर्व सैनिक व उनके स्वजन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। 4/5 गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) के पूर्व सैनिकों एवं उनके स्वजन ने रविवार को बांग्लादेश दिवस मनाया। शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि कर्नल डीएस खड़का ने आठ वीर नारियों को सम्मानित किया। इसके बाद मनीषा आले एवं एचबी राना ने अपने मधुर गीतों की प्रस्तुतियों से सबको मंत्रमुग्ध किया।

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गोरखाली सुधार सभा में आयोजित कार्यक्रम में कप्तान आरएस थापा ने कहा कि बांग्लादेश दिवस उन शहीदों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में सैन्य पराक्रम और शौर्य का पूरी दुनिया में परचम लहराया। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में यह लड़ाई 21 नवंबर से 16 दिसंबर तक लड़ी गई। 4/5 गोरखा राइफल्स के जवानों ने आमने-सामने की इस लड़ाई में अपने दुश्मनों पर ज्यादातर खुखरी से हमला किया।

नायक दिल बहादुर क्षेत्री ने अकेले ही आठ पाकिस्तानियों को अपनी खुखरी से काट डाला था। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें महावीर चक्र पदक से अलंकृत किया गया। इस पलटन को दो महावीर चक्र, तीन वीर चक्र, तीन सेना मेडल, एक विशिष्ट सेवा पदक, दो सेनाध्यक्ष पदक से सम्मानित किया गया था।

कार्यक्रम का संचालन कैप्टन वाईबी थापा ने किया। इस अवसर पर मेजर हबीजंग गुरुंग , कैप्टन आरएस थापा, वाईबी थापा, अशोक गुरुंग, रामसिंह राना, सूबेदार शिवराज थापा, मीडिया प्रभारी प्रभा शाह, बिशन आले, विनोद थापा, पीएस ठाकुर, चंद्र बहादुर गुरुंग, ऐबी गुरुंग, एचबी राना, पदम शाही, बीबी राना आदि उपस्थित रहे।

3/1 गोरखा के शौर्य और पराक्रम को किया नमन

3/1 गोरखा राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने बटालियन का 61वां स्थापना धूमधाम से मनाया। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने परमवीर चक्र विजेता कैप्टन जीएस सलारिया को श्रद्धांजलि दी। नया गांव स्थित बहुउद्देशीय भवन में समारोह का आयोजन किया गया। पूर्व सैनिक नमो नारायण थापा ने कहा कि 21 दिसंबर 1959 को 3/1 जीआर की स्थापना लेफ्टिनेंट कर्नल एसएस मैत्रा के मार्गदर्शन में हुई थी। यूनिट ने 1965 में सियालकोट सेक्टर और 1971 में सकरगढ़ सेक्टर भारत-पाक युद्धों में भाग लिया।

यूनिट 1992 में सियाचिन ग्लेश्यिर में भी रही। जहां पर यूनिट को जीओसी-इन-सी नार्दन कमांड यूनिट एप्रिसिएशन कार्ड से सम्मानित किया गया। यूनिट को तंगधार सेक्टर में वर्ष 2013 में कार्य करने का सौभाग्य मिला। राइजिंग डे से लेकर अभी तक यूनिट को एक परमवीर चक्र, दो महावीर चक्र, एक कीर्ति चक्र, पांच वीर चक्र, तीन शौर्य चक्र, 26 सेना मेडल समेत अन्य पुरस्कार मिले हैं। इस अवसर पर जनरल आरपी सिंह, कर्नल एएस रावत, एन कौरा, जीके चोना, आनरेरी कैप्टन राम प्रसाद प्रधान, कैप्टन मोहन सिंह राणा, कमल गुरुंग, अनूप राणा, गोपाल सिंह थापा, अनूप थापा, पवन गुरुंग, प्रेम बहादुर थापा, राम सिंह आदि उपस्थित रहे।

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