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108 के टेंडर में सरकार ने किया 'बलंडर' : हरीश रावत

आपातकालीन सेवा 108 से बाहर किए गए कर्मचारियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार को घेरा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 07:55 PM (IST)
108 के टेंडर में सरकार ने किया 'बलंडर' : हरीश रावत
108 के टेंडर में सरकार ने किया 'बलंडर' : हरीश रावत

जागरण संवाददाता, देहरादून: आपातकालीन सेवा 108 से बाहर किए गए कर्मचारियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 108 के टेंडर में सरकार ने बड़ा 'बलंडर' किया है। जो गलती हुई है उसे अब सरकार ही दुरुस्त कर सकती है। रावत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करना चाहूंगा कि इस निविदा को रद करें। नए सिरे से इस शर्त के साथ निविदा दें कि कर्मचारियों के हित न प्रभावित हों।

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परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर कर्मचारियों को समर्थन देने पहुंचे हरीश रावत ने कहा कि डबल इंजन की सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें बेरोजगार कर रही है। 108 के टेंडर में ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए था कि कर्मचारियों की सेवा शर्तो में बिना सरकार की सहमति के कोई परिवर्तन नहीं होगा। कर्मचारियों की कार्यावधि, वेतन, भत्तों को लेकर कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नई कंपनी ने बहुत ही कम दर पर टेंडर उठाया है। यह भी देखा जाना चाहिए था कि इसका प्रभाव क्या पड़ेगा। शायद यही वजह है कि नई कंपनी कर्मचारियों के अनुभव को दरकिनार कर पूर्व में मिल रहे वेतन का तकरीबन आधा उन्हें दे रही है। इन तमाम पहलू पर शासन में बैठे अधिकारियों को भी ध्यान देना चाहिए था। कहा कि यह सेवा पूर्व की तरह नो प्रॉफिट, नो लॉस पर संचालित की जाए। रावत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को यह सुझाव दिया था कि हम जिन भी कर्मचारियों को सहायक सेवाओं में रख रहे हैं, उनकी सेवा शर्तो का भी पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। सरकार इस ओर थोड़ी गंभीरता बरते और एक नीति तय करे। ताकि इस की समस्या फिर न पैदा हो। इससे पहले राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, बदरीनाथ के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी, प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी व कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भी धरनास्थल पर पहुंचकर कर्मचारियों को संबोधित किया। धरने में 108 एवं केकेएस कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी, नीरज शर्मा, महेश जोशी, अनिल रावत, प्रियंका, मोहन सिंह आदि मौजूद रहे। 108 कर्मियों की स्थिति के लिए कांग्रेस भी जिम्मेदार : उक्रांद

उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भंट्ट समेत अन्य पार्टी नेताओं ने धरनास्थल पहुंचकर 108 कर्मियों को समर्थन दिया। भंट्ट ने कहा कि कभी किसी कंपनी के बंद होने पर दूसरी कंपनी द्वारा उसे अधिग्रहित किया जाता है तो नियमानुसार कर्मचारियों के भविष्य का ध्यान रखा जाता है। लेकिन राज्य सरकार ने 11 वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की भविष्य की अनदेखी की है। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि यदि जल्द कर्मचारियों को पुराने वेतनमान पर समायोजित नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब जनता इन्हें 'आइसीयू' में पहुंचा देगी। दल के संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने कहा कि भाजपा-काग्रेस, दोनों ही बेरोजगारों की फौज खड़ी करने की जिम्मेदार हैं। इस दौरान दल के वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन, कार्यकारी अध्यक्ष हरीश पाठक, जयदीप भट्ट, महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री, जिला अध्यक्ष विजय बौड़ाई, हरिद्वार जिला अध्यक्ष राकेश राजपूत, केंद्रीय संगठन सचिव मनोज ममंगाई आदि उपस्थित रहे।

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