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बजट में खैरासैंण को भी जगह नही: हरीश रावत

कांग्रेस विधानमंडल दल बजट को लेकर सदन के भीतर सरकार की घेराबंदी भले ही नहीं कर सका हो सदन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने हमला बोलने का मौका नहीं चूका।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 10:11 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 10:11 PM (IST)
बजट में खैरासैंण को भी जगह नही: हरीश रावत
बजट में खैरासैंण को भी जगह नही: हरीश रावत

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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कांग्रेस विधानमंडल दल बजट को लेकर सदन के भीतर सरकार की घेराबंदी भले ही नहीं कर सका हो, सदन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने हमला बोलने का मौका नहीं चूका। उन्होंने कहा कि बजट में उत्तराखंड और उत्तराखंडीयत नदारद है। सिर्फ कुछ दीनदयाल उपाध्याय और कुछ नरेंद्र मोदी दिख रहे हैं। शेष पुराने प्रस्तावों को दोहराया गया है। अहम महकमों के बजट में कटौती किए जाने से जन आकांक्षाएं पूरी होने पर संदेह पैदा हो गया है। लोकायुक्त का गठन नहीं किए जाने को लेकर उन्होंने सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठाए।

शुक्रवार को पत्रकारों से मुखातिब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के बजट को निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार की अहम योजनाओं के नाम बदलकर पंडित दीनदयाल नामकरण किया है। इस पर उन्होंने सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि किसान और गांव की बात करने वाली सरकार के बजट में खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का गांव खैरासैंण गायब है। स्थानीय आबादी के लिए पिछली सरकार ने भैरवगढ़ी पेयजल योजना शुरू की थी, लेकिन बजट में इसके लिए प्रावधान नहीं किया गया। विकास दर में वृद्धि के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के दावे को नकारते हुए कहा कि कृषि विकास दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। सेवा क्षेत्र में पहली बार वृद्धि नहीं हुई। हर सेक्टर की हालत खराब है, ऐसे में विकास दर का बढ़ना सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है।

उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारी रोकने में नाकाम रही है। बेरोजगारी की दर बढ़कर नौ फीसद हो चुकी है। उद्योग, परिवहन, समाज कल्याण, लोक निर्माण और ग्राम्य विकास महकमों के बजट कटौती पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इससे विकास की गतिविधि धीमी पड़ेगी, बेरोजगारी की समस्या और बढ़ जाएगी। इन्वेस्टर्स समिट को लेकर दावों की हकीकत ये है कि एक दर्जन उद्योग बंद हो चुके हैं। माइक्रोमैक्स इकाई में 300 कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार न जमींदारी विनाश अधिनियम में संशोधन कर महापाप किया है। इससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की जमीनें बिकने का रास्ता साफ हो गया है। अब उत्तराखंड में अडानी और रामदेव को जमीन मिलने में अड़ंगा नहीं लगेगा। किसानों की आमदनी दोगुना करने की सरकार की योजना पर भी उन्होंने सवालिया निशान लगाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए राज्य बजट में प्रावधान को उन्होंने नाकाफी बताया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान हवा में हो रहा है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा कर रही सरकार ने अब तक लोकायुक्त का गठन नहीं किया।

रावत ने दोहराया कि भाजपा कर्मयोगी राम के मंदिर का निर्माण नहीं कर सकती। सबको साथ लेकर चलने वाली कांग्रेस की सरकार ही राम मंदिर का निर्माण करेगी। पुलवामा में आतंकी हमले के दौरान कार्बेट नेशनल पार्क में मौजूदगी को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।


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