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बेडू-तिमला का स्वाद ले सरकार पर बरसे हरदा

राज्य ब्यूरो, देहरादून पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर अपने ही अंदाज में प्रदेश सरकार पर हमल

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 03:00 AM (IST)
बेडू-तिमला का स्वाद ले सरकार पर बरसे हरदा
बेडू-तिमला का स्वाद ले सरकार पर बरसे हरदा

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर अपने ही अंदाज में प्रदेश सरकार पर हमला बोला। पहाड़ी फल बेडू व तिमला की दावत के बाद समर्थकों के जमावड़े के बीच उन्होंने इस बार राज्य पर कर्ज और खनन को लेकर तो सरकार पर प्रहार किया ही, साथ ही विभिन्न विभागों की एकीकरण की सरकार की कवायद पर भी सवालिया निशान लगा दिया।

यूं तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा चुनाव में हार के बाद सियासी सक्रियता से थोड़ा दूर हैं मगर वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का कोई मौका छोड़ते भी नहीं। पिछले दो महीने के दौरान अलग-अलग तरह की दावतों का आयोजन कर वह सियासी गलियारों में तो चर्चाएं बटोर ही रहे हैं, मीडिया में भी बने हुए हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक बार फिर अपने कार्यालय में पहाड़ी फल बेड़ू व तिमला की दावत रखी। इसके बाद वह मीडिया से रूबरू हुए। राज्य पर कर्ज व खनन की आमदनी पर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने आंकड़े पेश किए। उन्होंने कहा कि राज्य पर कर्ज को लेकर भाजपा नेता लगातार जनता को गुमराह कर रहे हैं। 31 मार्च 2001 तक राज्य पर 3750 करोड़ रुपये कर्ज था और राज्य की विकास दर एक प्रतिशत के आसपास थी। 31 मार्च 2007 तक कर्ज 10500 करोड़ रुपये हो गया व विकास दर पांच प्रतिशत के आसपास रही। राज्य में जून 2013 की प्राकृतिक आपदा के कारण विकास दर 2.50 प्रतिशत के आसपास रही। उन्होंने कहा कि 2015-16 में 39 हजार करोड़ का कर्ज राज्य पर था लेकिन विकास दर असीमित गति प्राप्त कर 11 प्रतिशत तक पहुंची, जो राष्ट्रीय विकास दर से भी अधिक रही।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कृषि व उद्यान विभागों के एकीकरण पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इन विभागों का एकीकरण राज्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। राज्य के आम, सेब, आड़ू, चीलू, पुलम आदि ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई और किसानों ने अपनी ब्रांडिंग की है। यहा तक कि सिल्वी कल्चर में विकास दर 45 प्रतिशत तक पंहुची है। उन्होंने टिहरी के चंबा क्षेत्र में किसान द्वारा की गई आत्महत्या पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि किसानों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए सरकार को योजनाबद्ध होकर काम करना चाहिए।

हरीश रावत ने खनन की आय पर भी प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में अप्रैल से जून तक कांग्रेस सरकार के समय कुल राजस्व 93.38 करोड़ रुपये हासिल हुआ था। भाजपा सरकार को वर्ष 2017-18 में उसी दौरान 75.35 करोड़ रुपये का राजस्व प्रात हुआ है। लगभग 19.3 करोड़ का राजस्व प्रदेश सरकार को कम प्राप्त हुआ।

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस आयोजन से यह भी साफ कर दिया कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। गौरतलब है कि तीन दिन पूर्व ओल्ड मसूरी रोड पर स्थित आवास के बाहर एक बाइक सवार की टक्कर से रावत चोटिल हो गए थे।


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