Move to Jagran APP

दार्शनिक अंदाज में नजर आ रहे हरीश रावत, हार-जीत पर डाली ये पोस्ट

लोकसभा की नैनीताल सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अभी से दार्शनिक अंदाज में नजर आने लगे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 09:43 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 12:10 PM (IST)
दार्शनिक अंदाज में नजर आ रहे हरीश रावत, हार-जीत पर डाली ये पोस्ट
दार्शनिक अंदाज में नजर आ रहे हरीश रावत, हार-जीत पर डाली ये पोस्ट

देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोकसभा की नैनीताल सीट पर जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा और किसे पराजय का स्वाद चखना पड़ेगा, इसे लेकर 23 मई को मतगणना के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी। यहां से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अभी से दार्शनिक अंदाज में नजर आने लगे हैं। सोशल मीडिय सो पर उनकी एक पोस्ट इसकी तस्दीक करती है। 

loksabha election banner

पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा कि-प्रभुता पाई जाहि मद नाहीं, मगर भाजपा को कुछ ज्यादा ही घमंड हो गया है। जीत अच्छी बात है और जीतने का प्रयास करना भी अच्छी बात है, मगर एक बात याद रखिये कि हर जीत की बुनियाद हार से बनती है। 

लीक से हटकर कार्यक्रमों और टिप्पणियों को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उनके और मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मध्य सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग की तपिश अभी शांत भी नहीं हो पाई थी कि, अब रावत ने फिर से दूसरा पासा फेंका है। 

उन्होंने दार्शनिक अंदाज में भाजपा को नसीहत दी है तो जीवन में जीत-हार के महत्व को भी रेखांकित किया है। पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने फेसबुक वॉल पर लिखा कि-भाजपा भी यहा तक पहुंचने से पहले कई बार हारी है, बुरी तरीके से हारी है। 1984 में उसके केवल एक लोकसभा सदस्य थे। लोकतंत्र की स्वामिनी जनता कब किसको क्या उपहार दे दे, ये उस पर निर्भर करता है। हम तो उसकी उपासना कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि मैंने भी चुनाव लड़कर उत्तराखंड की जनता जनार्दन की उपासना की है। विजयश्री देंगे तो उनको धन्यवाद दूंगा और यदि विजय हासिल नहीं होगी तो भी समर्पित भाव से आगे काम करता रहूंगा, इसका विश्वास करें।

हरदा ने अपनी पोस्ट में यह समझाने का भी प्रयास किया है कि चुनाव हारने से किसी की महत्ता कम नहीं हो जाती। उन्होंने लिखा कि- भगत सिंह कोश्यारी यदि 1989 में हमारे मुकाबले में लोकसभा का चुनाव हारे तो इससे कोश्यारी की महत्ता कम नहीं हुई। डॉ. मुरली मनोहर जोशी यदि अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र से दो बार पराजित हुए तो इससे उनकी राष्ट्रीय राजनीति में महानता और गरिमा कम नहीं हुई है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ.जोशी की बराबरी तक पहुंचने के लिए उन्हें शायद और न जाने कितनी तपस्या करनी होगी मगर यह एक यथार्थ है कि हमने हर हार के साथ और ज्यादा समर्पण से अपने आप को जनता से जोड़ा है। जीत ने हममें अहंकार नहीं नम्रता पैदा की है और भगवान करे यदि विजयश्री मिले तो हमें और नम्र बनाये। यदि हार मिलती है तो और समर्पित भाव से काम करने की क्षमता दे। 

आम-ककड़ी पार्टी में मिलेंगे 

पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि काफल का समय है। हल्द्वानी, देहरादून से लेकर दिल्ली, चंडीगढ़ तक के दोस्त 'काफल की दावत' का इंतजार कर रहे हैं। काफल चैप्टर से जुड़े लोग भी बेताब हैं काफल पार्टी देने के लिए। क्या करें, चुनाव आयोग से परमिशन माग रहे हैं, वे परमिशन नहीं दे रहे और बिना आयोग की परमिशन के आयोजन हो नहीं सकता है। 

उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस बार काफल पार्टी नहीं दे पाया तो काफल प्रेमी लोगों और काफल से भी मैं क्षमा चाहूंगा और अगले साल फिर देखेंगे। उन्होंने कहा कि जब आम और ककड़ी का सीजन प्रारंभ होगा, तब मिलेंगे।

यह भी पढ़ें: पार्षदों ने की आपात बैठक, महापौर का चढ़ा पारा; बताया उनके खिलाफ साजिश

यह भी पढ़ें: भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल बोले, न कभी जुर्म सहा और न कभी सहूंगा

यह भी पढ़ें: चुनाव के नतीजों से पहले हरीश और त्रिवेंद्र के बीच दिलचस्प हुई जुबानी जंग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.