पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब मानक से 25 फीसद ज्यादा अदा करना होगा किराया
सरकारी आवासों में लंबे समय तक जमे रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब मानक से 25 फीसद ज्यादा किराया अदा करना होगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकारी आवासों में लंबे समय तक जमे रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब मानक से 25 फीसद ज्यादा किराया अदा करना होगा। वहीं 31 मार्च, 2019 के बाद अब कोई भी मुख्यमंत्री सरकारी आवास आवंटन और अन्य सुविधाओं का पात्र नहीं होगा।
विधानसभा सत्र के चौथे दिन भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुविधा (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) विधेयक 2019 पारित हो गया। इस विधेयक में भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए सरकारी आवास का किराया निर्धारित मानक से 25 फीसद तक किए जाने पर मुहर लग गई। पहले इस संबंध में सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश में भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास का किराया पूरी तरह माफ किया गया था।
हालांकि यह सुविधा राज्य गठन से 31 मार्च, 2019 तक मंजूर की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास समेत तमाम सुविधाएं देने के खिलाफ दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट का रुख बेहद कड़ा रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने विधेयक में उक्त प्रावधान हटाकर सरकारी आवास का किराया मानक से 25 फीसद ज्यादा दर से वसूल करने का प्रावधान जोड़ा है।
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पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास के बिजली, जल मूल्य और सीवर शुल्क का भुगतान आवंटन की तारीख से करना होगा। उन्हें राज्य सरकार की ओर से मिलीं सुविधाओं में चालकमय वाहन, वाहन में अनुरक्षण कार्य, वैयक्तिक सहायक, विशेष कार्याधिकारी, जनसंपर्क अधिकारी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों मुफ्त मिलेंगी।
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