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ईवीएम पर दुष्प्रचार थामने को 16674 गांवों में दस्तक, ये है योजना

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर राजनीतिक दलों के दुष्प्रचार का जवाब निर्वाचन आयोग जनता की अदालत में देने जा रहा है।

By Edited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 03:57 PM (IST)
ईवीएम पर दुष्प्रचार थामने को 16674 गांवों में दस्तक, ये है योजना
ईवीएम पर दुष्प्रचार थामने को 16674 गांवों में दस्तक, ये है योजना
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर राजनीतिक दलों के दुष्प्रचार का जवाब निर्वाचन आयोग जनता की अदालत में देने जा रहा है। आयोग ने राज्य में मशीन से किसी तरह के छेड़छाड़ की संभावनाओं को खारिज करते हुए ईवीएम को वीवीपैट (वोटर वेरीफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) से जोड़ा है। वीवीपैट से बढ़े हौसले के साथ आयोग की टीम गांव-गांव और तोक-मजरों के रूप में छोटे गांवों के साथ शहरी क्षेत्रों में वार्डों और मोहल्लों का दौरा करेगी। 
राज्य में छोटे-बड़े ऐसे 16674 से अधिक गांवों के साथ ही मोहल्लों और वार्डों को मिलाकर करीब 20 हजार स्थानों पर निर्वाचन आयोग की टीम दौरा कर ईवीएम-वीवीपैट का प्रस्तुतीकरण देगी। सात जनवरी से ये दौरा शुरू हो जाएगा। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले इस कार्य को पूरा करने की आयोग की योजना है। चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, हारने वाले दल के लिए ईवीएम पर ठीकरा फोड़ना सबसे आसान हो चला है। सियासी दलों की ओर से की जाने वाली फजीहत की काट के लिए निर्वाचन आयोग ने तोड़ ढूंढ निकाली है। अब सभी ईवीएम मशीन को वीवीपैट से जोड़ा जा चुका है यानी अब हर मतदाता को मत देने के साथ ही किसे मत दिया, इसकी जानकारी वीवीपैट से ही मिल जाएगी। 
अहम बात ये है कि आयोग ने दलों के आरोपों-प्रत्यारोपों के दल-दल से खुद को बचाए रखने के लिए जनता के बीच जाने की ठान ली है। इसके लिए आयोग की टीम गांव-गांव जाकर ईवीएम और वीवीपैट का प्रस्तुतीकरण करेगी। बड़े पैमाने पर ऐसा कदम पहली बार उठाया जा रहा है। आम जन के बीच ईवीएम को लेकर गलत धारणा न पनपे, इसे लेकर आयोग की संजीदगी का अंदाजा इससे लग सकता है कि वीवीपैट के प्रस्तुतीकरण को बड़ी या छोटी ग्राम पंचायतों तक सीमित नहीं रखा जाएगा।
छोटे तोक और मजरों में भी ग्रामीणों को इसके बारे में प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। यूं तो उत्तराखंड में ग्राम पंचायतें 7950 हैं और कुल गांवों की संख्या 16,674 है। तोक और मजरों को शामिल करें तो यह आंकड़ा अधिक है। वहीं राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए कुल 11,235 बूथ बनाए जाने हैं। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या जावलकर ने बताया कि आयोग की टीम गांवों में जाकर ईवीएम के प्रति आम जन और मतदाताओं के विश्वास को बरकरार रखने और उनकी समझ बढ़ाने में जुटेगी। एक गांव में जाकर ग्रामीणों को ईवीएम और वीवीपैट पर 100 मतों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इस कार्य में राज्य के 70 विधानसभा क्षेत्रों में आयोग के दो-दो वाहन तैनात किए जाएंगे। सात जनवरी से उक्त कार्य प्रारंभ किया जाएगा। 28 फरवरी तक इसे पूरा करने की कोशिश की जाएगी। 
ईवीएम को इस तरह बताया जाएगा सुरक्षित
-ईवीएम की हैकिंग मुमकिन नहीं, वाई-फाई का नहीं है प्रावधान 
-ईवीएम पर फर्जीवाड़े से बड़ी संख्या में एकमुश्त वोट डालना मुमकिन नहीं 
-एक वोट के बाद 15 सेकंड रुकती है मशीन, वीवीपैट पर दिखेगा मत 
-चुनाव प्रक्रिया और ईवीएम प्रशिक्षण में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी 
-विभिन्न राजनीतिक दलों की सीधी निगाह, आयोग के साथ निरंतर संपर्क 
-ईवीएम व चुनाव प्रक्रिया में बड़ी प्रशासनिक मशीनरी की भागीदारी

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