देना होगा समान कार्य के लिए समान वेतन, पढ़िए पूरी खबर
सरकारी कार्यालयों में दैनिक वेतनभोगी (कैजुअल लेबर) के रूप में कार्यरत कार्मिकों को सरकारी कर्मचारियों की तरह काम करने पर समान कार्य का समान वेतन मिलेगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकारी कार्यालयों में दैनिक वेतनभोगी (कैजुअल लेबर) के रूप में कार्यरत कार्मिकों को सरकारी कर्मचारियों की तरह काम करने पर समान कार्य का समान वेतन मिलेगा। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सभी मंत्रालय व विभागों को समान कार्य का समान वेतन देने के निर्देश दिए हैं। यह भी स्पष्ट किया गया है दैनिक वेतन भोगियों को नियमित सरकारी कार्यों के लिए प्रशिक्षित न किया जाए। यदि किसी कार्यलय में दैनिक वेतनभोगी का काम नियमित सरकारी कर्मचारी से अलग है तो उसे श्रम मंत्रालय के मानक के मुताबिक नियत देय के अनुसार भुगतान किया जाएगा। हालांकि, अभी यह आदेश प्रदेश सरकार को नहीं मिला है। समान कार्य के लिए समान वेतन को लेकर प्रदेश में लंबे समय से मांग की जा रही है।
कुछ समय पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के होमगार्ड्स की याचिका पर एक निर्णय देते हुए प्रदेश सरकार को इन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन के हिसाब से मानदेय देने के निर्देश दिए। अब इसी क्रम में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने समान कार्य के लिए समान वेतन देने संबंधी आदेश जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जहां दैनिक वेतनभोगी सरकारी कर्मचारियों के भांति ही कार्य कर रहे हैं वहां उन्हें सरकारी कर्मचारियों को दिए जा रहे न्यूनतम वेतन के तीसवें भाग को प्रतिदिन के मानदेय के हिसाब से भुगतान देना होगा। जहां दैनिक वेतनभोगियों के कार्य की प्रकृति सरकारी कर्मचारी की कार्य प्रकृति से भिन्न है, वहां राज्य अथवा केंद्र के श्रम विभाग द्वारा घोषित मानदेय दिया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि नियमित प्रकृति के सरकारी कार्यो के लिए दैनिक वेतन भोगियों को प्रशिक्षित न किया जाए।
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केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के इस आदेश से प्रदेश में दैनिक वेतनभोगियों को भी समान कार्य समान वेतन मिलने की उम्मीद बलवती हुई है। कारण यह कि होमगार्ड्स के बाद अब प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत उपनल, पीआरडी व दैनिक वेतन भोगी भी सरकार से समान कार्य समान वेतन देने की मांग कर रहे हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार के जो भी आदेश आते हैं, पहले उनका परीक्षण किया जाता है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाती है।
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