प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा बोले, मेरे मिशन को आगे बढ़ाएं वही मेरे लिए शुभकामनाएं
प्रख्यात पर्यावरणविद् पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा ने अपना जन्मदिन देहरादून के शास्त्रीनगर स्थित निवास स्थल पर बेहद सादगी के साथ मनाया।
देहरादून, जेएनएन। प्रख्यात पर्यावरणविद् पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा ने उम्र के 94वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। गुरुवार को उन्होंने अपना जन्मदिन देहरादून के शास्त्रीनगर स्थित निवास स्थल पर बेहद सादगी के साथ मनाया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत तमाम संगठनों व लोगों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।
इस अवसर पर पर्यावरणविद् बहुगुणा ने हर बार की तरह पर्यावरण संरक्षण के अपने संकल्प को दोहराया। कहा कि, वह ताउम्र पर्यावरण की बेहतरी के लिए काम करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस मिशन को आगे बढ़ाएं और यही उनके लिए सबसे बड़ी शुभकामना होगी। इस दौरान बहुगुणा के चेहरे पर पर्यावरण पर बढ़ते दबाव की पीड़ा भी दिखाई दी। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी का भविष्य पेड़ ही तय करेंगे।
जिस तरह विकास के लिए तेजी से पेड़ काटे जा रहे हैं, उससे वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ने लगा है। ऐसे में पेड़ों का संरक्षण जरूरी है। पेड़ बचे रहेंगे तो वन बेहतर स्थिति में होंगे और उससे पानी के स्रोतों को भी सूखे का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही पर्यावरणविद् बहुगुणा ने चिर-परिचित अंदाज में 'धार ऐंच पाणी, ढाल पर डाला, बिजली बणावा खाला-खाला' के अपने सूत्रवाक्य को देहराया। जिसका मतलब होता है 'ऊंचाई वाले स्थलों पर पानी को जमा किया जाए और ढालदार क्षेत्रों में पेड़ लगाए जाएं।' इससे निचले क्षेत्रों में पानी की कमी नहीं रहेगी और उनमें छोटी-छोटी बिजली परियोजनाओं का निर्माण किया जाए।
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