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ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर पुल दुर्घटना के समय मौके पर नहीं थे कंपनी के इंजीनियर, पढ़िए पूरी खबर

ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर गूलर के समीप हुए पुल हादसे में भले ही उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भी अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। हादसे के बाद कंपनियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही भी उजागर हो रही हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:05 AM (IST)
ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर पुल दुर्घटना के समय मौके पर नहीं थे कंपनी के इंजीनियर, पढ़िए पूरी खबर
बीते रोज ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर गूलर के समीप हुआ था पुल

ऋषिकेश, जेएनएन। ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर गूलर के समीप हुए पुल हादसे में भले ही उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भी अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। मगर, ऑल वेदर परियोजना में हुए इस बड़े हादसे के बाद निर्माण कार्य में कंपनियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही के मामले भी उजागर हो रहे हैं।

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पुल हादसे के बाद सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मुख्य अभियंता ने अल सुबह विभागीय अधिकारियों के साथ मौका मुआयना कर हादसे की जांच की। हालांकि एनएच की ओर से अभी तक हादसे के ठोस कारणों से अवगत नहीं कराया गया है। मगर, प्राथमिक जांच में निर्माण कर रही कंपनी की घोर लापरवाही जरूर सामने आई है। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड श्रीनगर के सहायक अभियंता मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि अभी तक की जांच में इस बात का पता चला है कि अधिक भार से पुल की स्टेजिंग ढह गई। मगर, इसका तकनीकी कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

उधर, पुलिस भी इस हादसे के लिए प्रारंभिक तौर पर निर्माण कंपनी को ही जिम्मेदार मान रही है। थाना प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि जब यह हादसा हुआ उस वक्त कंपनी की ओर से कोई भी इंजीनियर मौके पर नहीं था। यही नहीं मौके पर अंधेरे में काम किया जा रहा था, यहां लाइट के भी कोई इंतजाम नहीं थे। श्रमिकों के पास जरूरी हेलमैट, साइड पर काम करने के लिए रिफ्लेक्ट करने वाले कपड़े और इतनी ऊंचाई पर सुरक्षा के लिए अन्य इंतजाम भी नहीं थे, जो कंपनी की बड़ी लापरवाही थी। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जा रही है।

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नब्बे मीटर लंबे पुल पर सिर्फ एक पिलर 

गूलर के समीप नदी तल से 22 मीटर ऊंचाई पर ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत 90 मीटर लंबे टू लेन पुल का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कंपनी इस पुल को दो चरणों में निर्मित कर रही रही है। इस पुल के आधे हिस्से यानी करीब 45 मीटर का निर्माण कुछ समय पहले हो चुका है। जबकि शेष 45 मीटर पर रविवार को स्टेजिंग डालने का काम किया जा रहा था। कुल 90 मीटर लंबे इस पुल के ठीक बीच में पुल को सपोर्ट देने के लिए एक पिलर बनाया गया है। जबकि जानकारों की माने तो इतने लंबे स्पान पर कम से कम तीन सपोर्टिंग पिलर होने जरूरी थे। हालांकि अभी तक इस मामले में विभाग की तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार रहेगा। 

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