इंजीनियरिंग कॉलेजों की यूटीयू से संबद्धता पर लटकी तलवार, पढ़िए पूरी खबर
यूटीयू की ईसी ने 98 इंजीनियरिंग व प्रोफेशनल कॉलेजों के करीब 422 पाठ्यक्रमों की संबद्धता को मंजूरी नहीं दी बल्कि तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर रिपोर्ट सौंपने के आदे दिए हैं।
देहरादून, जेएनएन। करीब ढाई साल बाद उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद (ईसी) ने 98 इंजीनियरिंग व प्रोफेशनल कॉलेजों के करीब 422 पाठ्यक्रमों की संबद्धता को मंजूरी नहीं दी, बल्कि तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर 26 नवंबर तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी कर दिए।
यूटीयू की आकस्मिक बुलाई गई कार्य परिषद में रखे गए अधिकतर मुद्दों पर ईसी सहमत नहीं दिखी। कार्य परिषद में विवि के कुलपति प्रो.एनएस चौधरी, कुलसचिव डॉ. अनीता रावत के अलावा 16 ईसी सदस्यों ने भाग लिया। करीब ढाई साल बाद यूटीयू में हुई कार्य परिषद इसलिए भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि विवि में पूर्व में पीएचडी भर्ती में नियमों की अनदेशी से लेकर विभिन्न उपकरणों की खरीद में करोड़ों की गड़बड़ी ऑडिट रिपोर्ट में मामले सामने आई है। ऐसे में विवि पर एसआइटी जांच की तलवार लटकी हुई है। शासन ने इसके लिए मुख्यमंत्री से एसआइटी जांच के लिए फाइल भेजकर अनुमति मांगी है। कार्य परिषद में विवि की ओर से तीन प्रमुख मुद्दों को चर्चा के लिए रखा गया। जिनमें इंजीनियरिंग कॉलेजों के पाठ्यक्रमों की संबद्धता, टेक्नीकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रमेंट प्रोग्राम (टीईक्यूआइपी-तृतीय) व शैक्षणिक से लेकर गैर शैक्षिक रिक्त पदों को भरने की मंजूरी शामिल थे। ईसी ने तीनों मुद्दों पर कोई स्पष्ट मंजूरी न देते हुए उल्टे कई सवाल खड़े किए और पहले स्पष्टीकरण मांगा।
यूटीयू की ईसी में राज्यपाल की ओर से नियुक्त प्रतिनिधि, अकादमी विशेषज्ञ, टेक्नोक्रेट, विधि सदस्य, मेडिकल शिक्षा, औद्योगिक क्षेत्र, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, आइआइटी रुड़की, कृषि विवि पंतनगर आदि से एक-एक सदस्य हैं।
टीईक्यूआइपी परियोजना औचित्यहीन
ईसी में विशेषज्ञों ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि टेक्नीकल ऐजूकेशन क्वालिटी इंप्रमेंट प्रोग्राम (टीईक्यूआइपी-तृतीय) विवि की परियोजना है। जिसका ईसी से कोई लेना देना नहीं है। विवि अपने स्तर पर कार्य करवाए और केंद्र सरकार व केंद्रीय एजेंसियों से मंजूर धनराशि प्राप्त करे।
ईसी में यह सदस्य रहे मौजूद
यूटीयू के कुलपति प्रो. एनएस चौधरी, कुलसचिव अनीता रावत, उद्योगपति राकेश ओबराय, कैलाश मदान, विधि सदस्य भरत सिंह नेगी, बनारस विवि के डीन प्रो.एसआर सिंह, गढ़वाल विवि के पूर्व कुलपति प्रो.एसपी सिंह, टेक्नोक्रेट प्रो. आर सूरी व प्रो. अवोध शर्मा आदि मौजूद रहे।
शिक्षक भर्ती में परिनियमावली की अनदेखी
ईसी की बैठक में इस बात पर सदस्यों ने गहरी जताई कि विवि ऑडिनेंस व परिनियमावली प्रावधानों के अनुरूप शैक्षिक व गैर शैक्षिक रिक्त पदों पर भर्ती के प्रयास किए गए। जबकि नियमानुसार रिक्त पद पहले विज्ञापित किए जाते हैं, उसके बाद एक निर्धारित समयावधि में आवेदन मांगे जाते हैं। पारदर्शी स्क्रूटनी कमेटी की जांच के बाद पात्र अभ्यर्थी परीक्षा के लिए चयनित किए जाते हैं। इसके बाद लिखित और मौखिक परीक्षा पूर्व सूचना के बाद आयोजित की जाती है। जबकि यह बात सामने आई कि विवि ने रिक्त पदों में प्रारंभ की गई भर्ती प्रक्रिया में विवि की परिनियमावली की अनदेखी की।
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यूटीयू में पारदर्शिता के साथ होगा कार्य
कुलपति प्रो.एनएस चौधरी ने बताया कि पूर्व में पीएचडी भर्ती मानकों के अनुरूप न होने और विवि में उपकरण खरीद की ऑडिट रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी सामने आने के बाद विवि स्तर पर जांच की जा रही है। इसको लेकर शासन और राजभवन से लगातार संपर्क किया जा रहा है। जो भी दिशा-निर्देश मिल रहे हैं, उनका पालन किया जा रहा है।
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