अतिक्रमण को लेकर एक-दूसरे पर टाल रहे जिम्मेदारी
राजधानी में अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट के सख्त आदेशों को अफरसों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। तीन महीने से अभियान ठप है और शहर में फिर से कब्जे हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजधानी में अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट के सख्त आदेशों को अफसरों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पिछले तीन माह से कार्रवाई पूरी तरह से ठप पड़ी है। चिह्नित अतिक्रमण पर अब कार्रवाई कब शुरू होगी, इसे लेकर अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल रहे हैं। इससे अतिक्रमणकारियों के फिर से हौसले बुलंद होने लगे हैं।
हाईकोर्ट ने 18 जून को दून की सड़कों, नाली, फुटपाथ और सरकारी जमीन पर पसरे अतिक्रमण को हटाने के कड़े आदेश दिए थे। जिले से लेकर शासन के अफसरों को जिम्मेदारी सौंपते हुए कार्रवाई की अपडेट रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए। हाईकोर्ट के आदेश के कई दिनों बाद 27 जून से चिह्नीकरण की कार्रवाई शुरू हो पाई। इसके बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी हुई। इस कार्रवाई की दून से लेकर प्रदेश के दूसरे जिलों में भी तारीफ हुई। खासकर प्रेमनगर बाजार में 15 सितंबर को बड़ी कार्रवाई पर प्रशासन ने भी अपनी पीठ थपथपाई। लेकिन, इसके बाद कार्रवाई पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चली गई। स्थिति यह है कि चिह्नित आठ हजार में से अभी चार हजार अतिक्रमण जस के तस हैं। जबकि राजपुर रोड, पलटन बाजार, कांवली रोड समेत कई हिस्सों में अभी चिह्नीकरण भी नहीं हो पाया। अब स्थिति यह है कि तीन माह से अफसर अभियान पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। शेष अतिक्रमण कब हटेगा, इस पर शासन के अफसर जिले और जिले के अफसर शासन के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। खासकर पहले विधानसभा, बारिश, इन्वेस्टर समिट आदि आयोजन का बहाना बनाया गया। पर अब स्थिति सामान्य होने के बावजूद कार्रवाई पर अफसरों ने हाथ खींच लिए हैं। इसका नतीजा यह है कि जहां से अतिक्रमण हटाया गया, वहां फिर से अतिक्रमण होने लगा है। जबकि चिह्नित अतिक्रमण से लोगों ने निशान हटाने शुरू कर दिए हैं।
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अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी एमडीडीए और नगर निगम की है। हाईकोर्ट के आदेश पर चलाए गए अभियान में मुझे नोडल अधिकारी बनाया गया था। ऐसे में पुलिस और प्रशासन की मदद से अतिक्रमण के खिलाफ रूटीन में कार्रवाई होनी चाहिए। अफसर क्यों कार्रवाई नहीं कर रहे, इस पर जिले से रिपोर्ट मांगी जाएगी। अगले सप्ताह इसको लेकर बैठक की जाएगी।
ओम प्रकाश, नोडल अधिकारी अतिक्रमण अभियान
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शहर का अधिकांश अतिक्रमण हटाया जा चुका है। दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। जल्द अभियान की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई शुरू होगी। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एसए मुरूगेशन, जिलाधिकारी