नगर निकायों के सशक्तिकरण को लेकर सेतु आयोग ने मुख्यमंत्री धामी को सौंपी रिपोर्ट, दिये गये यह सुझाव
सेतु आयोग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नगर निकायों के सशक्तिकरण पर एक विश्लेषण आधारित रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय स्वायत्तता बढ़ाने राजस्व जुटाने की क्षमता विकसित करने और भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची में शामिल कार्यों को निकायों को हस्तांतरित करने का सुझाव दिया गया है। तकनीकी नवाचार स्मार्ट गवर्नेंस और आपदा-रोधी योजना पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।

जागरण संंवाददाता, देहरादून । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बुधवार को सचिवालय में सेतु आयोग ने नगर निकायों के सशक्तिकरण की दिशा में गहन विश्लेषण आधारित रिपोर्ट सौंपी। सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि नगर निगम और निकायों को स्वावलंबी और सशक्त बनाने, प्रदेश के शहरी विकास और नगरों की समस्याओं को सुधारने की दिशा में सुझाव दिये गये हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय स्वायत्तता और राजस्व जुटाने की क्षमता बढ़ाना और भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची में शामिल 18 कार्यों (जैसे जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शहरी नियोजन) को निकायों को हस्तांतरित करना है।
रिपोर्ट में तकनीकी नवाचार के लिए स्मार्ट गवर्नेंस, जीआईएस मैपिंग और डेटा-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देना है। निकायों के कर्मचारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों में इस दिशा में किए गए सुधारों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है।
देश के सफल शहरी निकायों के मॉडलों को उत्तराखंड की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप प्रभावी रूप से ढ़ाले जाने के लिए भी सुझाव दिये गये हैं। रिपोर्ट में आपदा-रोधी योजना, भूस्खलन प्रबंध नियोजन में आम लोगों की राय को प्राथमिकता देने का भी जिक्र किया गया है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सेतु आयोग सीईओ शत्रुघ्न सिंह, सचिव शहरी विकास सचिव नितेश झा, राधिका झा, चंद्रेश यादव, सेतु आयोग से डा भावना सिंधे, डा प्रिया भारद्वाज, अंकित कुमार एवं शहजाद अहमद मलिक उपस्थित थे।

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