बर्फ पिघलने से व्यापारियों का रोजगार प्रभावित
संवाद सूत्र, चकराता: इस बार मौसम की बेरुखी चकराता के बा¨शदों को निराश कर रही है। खासक
संवाद सूत्र, चकराता: इस बार मौसम की बेरुखी चकराता के बा¨शदों को निराश कर रही है। खासकर व्यापारियों को, क्योंकि हर बार दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में मुख्य बाजार में हिमपात से चांदी सरीखी पहाड़ियां पर्यटकों को आकर्षित करती थी, लेकिन इस बार दिसंबर गुजरने को है, साफ मौसम के चलते दूर दूर तक मुख्य बाजार में हिमपात के आसार नजर रही आ रहे हैं। दिसंबर में एक बार हिमपात हुआ, लेकिन मुख्य बाजार से जल्द ही बर्फ पिघलने पर पर्यटक कम उमड़े, जिससे व्यापारियों को कोई लाभ नहीं हुआ। पर्यटकों पर पूरी तरह से निर्भर छावनी बाजार के व्यापारी खाली हाथ बैठे हैं।
दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में मुख्य चकराता क्षेत्र हर बार पूरी तरह बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता था, लेकिन इस बार पहाड़ियां वीरान हैं। मौसम के बदले मिजाज के कारण दिसंबर शुरूआत में हुई बर्फबारी से उम्मीद जगी थी कि इस बार अच्छी बर्फबारी होगी, लेकिन साल बीतने को है, लेकिन हिमपात के आसार दूर दूर तक नजर नहीं आ रहे। सूखी ठंड व शीतलहर से लोग परेशान हैं। चकराता ऐसा क्षेत्र है कि एक बार की बारिश के बाद ही लोखंडी व खडंबा की पहाड़ियों पर बर्फबारी हो जाती थी, दिसंबर के शुरुआत में मौसम का मिजाज बिगड़ने पर ऊंची पहाड़ियों पर ज्यादा बर्फबारी हुई, लेकिन मुख्य बाजार में कम हिमपात से लोगों को निराशा हाथ लगी। काश्तकार नैन¨सह, जालम ¨सह, केसर ¨सह, मेहर ¨सह आदि का कहना है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में भी मुख्य चकराता की पहाड़ियां पूरी तरह से वीरान हैं। साफ मौसम के चलते हिमपात के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
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बर्फबारी के आंकड़े:
चकराता:
=वर्ष 1972 से 1980 तक नवंबर माह में चकराता बाजार में दो फीट बर्फ जमी रहती थी
=1990 में अक्टूबर में भी हिमपात हुआ था
=93 से 1996 तक नवंबर महीने में ऊंची पहाड़ियां बर्फ से पूरी तरह ढक जाती थी
=98-99 में छावनी बाजार में दिसंबर के पहले हफ्ते में हिमपात हुआ था।
= वर्ष 2002 से 2008 तक नवंबर माह में हिमपात हुआ।
=2010 से 2014 में भी छावनी बाजार में मौसम का पहला हिमपात दिसंबर माह में ही हुआ
=वर्ष 2017 में दिसंबर में एक बार ऊंची पहाड़ियों पर हिमपात हुआ था
-वर्ष 2018 दिसंबर के प्रथम सप्ताह में हिमपात हुआ