उधारी में रोजगार बांट रहा सेवायोजन विभाग
प्रदेश में बेरोजगारी का आलम किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में सेवायोजन विभाग की ओर से भी कोई खास प्रयास नहीं किया जा रहा है। विभाग की देनदारी के कारण भी रोजगार मेले पर सवाल उठने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश में बेरोजगारी का आलम किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में सेवायोजन विभाग की भूमिका अहम है। मगर, दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिम्मेदार विभाग ही प्रदेश में हाशिये पर पड़ा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभाग युवाओं को डेढ़ साल से उधारी में रोजगार बांट रहा है। दरअसल, इस समयावधि के दौरान कुल 16 रोजगार मेले लगाए गए और इन पर करीब सवा तीन लाख रुपये का खर्च आया। मगर, बजट न होने की वजह से अभी तक विभाग ने पैसा चुकाया ही नहीं। अब तो स्थिति यह है कि विभागीय अधिकारी भी रोजगार मेले के नाम से कतराने लगे हैं।
देहरादून में बेरोजगारी की स्थिति की बात करें तो आंकड़ें बेहद चिंताजनक नजर आते हैं। वर्ष 2016-17 में सेवायोजन विभाग में जिले से तीन लाख 68 हजार 322 बेरोजगार पंजीकृत हुए। जबकि इस वित्तीय वर्ष 2017-18 तक यह आंकड़ा बढ़कर तीन लाख 77 हजार 673 तक जा पहुंचा है। स्थिति यह दर्शाने के लिए काफी है कि रोजगार की दिशा में बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। अब सेवायोजन विभाग की भूमिका की बात करें तो विभाग के पास इस जटिल समस्या से निपटने के लिए कोई खास योजना है ही नहीं। विभाग द्वारा हर तीसरे-चौथे माह युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए मेले लगाए जाते हैं और चुनिंदा युवाओं को रोजगार देकर ही विभाग अपनी पीठ थपथपाने लगता है। पिछले डेढ़ वर्ष में इन 16 रोजगार मेलों में भले ही 1352 रोजगार मिले हों, मगर रोजगार के इस आंकड़े को भी संतोषजनक नहीं माना जा सकता।
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रोजगार मेले से उठ रहा युवाओं का भरोसा
रोजगार मेले से युवाओं का मोह भंग हो रहा है। पहले युवाओं में रोजगार मेले को लेकर उत्साह रहता था, लेकिन अब रोजगार मेले केवल खानापूर्ति साबित हो रहे हैं। यही नहीं, विभागीय अधिकारी भी बताते हैं कि विभाग के आमंत्रण पर कंपनियां भी हिचकिचाहट जाहिर करती हैं।
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वर्ष, रोजगार मेले, नियुक्ति, बकाया (रुपये)
2017-18, 11, 602, 220008
2018-19, 5, 750, 104300
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रोजगार मेले के बकाया भुगतान के लिए बजट की मांग की गई है। उम्मीद है कि जल्द बजट मिल जाएगा। रोजगार मेलों को प्रभावी बनाने के लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
चंद्रकांता, उपनिदेशक, सेवायोजन