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बिजली दरों में रियायत खत्म होने से भड़के कर्मचारी संगठन, दी ये चेतावनी

ऊर्जा निगम अधिकारियों और कर्मियों को बिजली दरों में मिलने वाली रियायत बंद करने को लेकर कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है।

By Edited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 08:17 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 02:01 PM (IST)
बिजली दरों में रियायत खत्म होने से भड़के कर्मचारी संगठन, दी ये चेतावनी
बिजली दरों में रियायत खत्म होने से भड़के कर्मचारी संगठन, दी ये चेतावनी
देहरादून, जेएनएन। ऊर्जा निगम अधिकारियों और कर्मियों को बिजली दरों में मिलने वाली रियायत बंद करने को लेकर कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है। ऊर्जा कामगार संगठन की शनिवार को ईसी रोड स्थित कार्यालय में बैठक हुई। 
प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि सरकार जनता में झूठ फैला रही कि बिजली अधिकारियों, कर्मियों को मुफ्त में बिजली मिलती है। जबकि उनके वेतन से निश्चित न्यूनतम राशि बतौर बिल कटौती की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग जैसे जल संस्थान, बैंक, ओएनजीसी, रेल आदि कर्मियों को प्रोत्साहन के लिए कुछ सुविधाएं रियायती दरों पर देता है। इसी तरह ऊर्जा के तीनों निगमों में भी उप्र राज्य विद्युत परिषद के समय से रियायती दरों पर बिजली दी जा रही है। विभाग इन दरों का समय समय पर विभाग पुर्नरीक्षण भी करता है। शर्मा ने कहा कि सातवें वेतनमान के अनुसार टैरिफ का निर्धारण होना चाहिए लेकिन यदि कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना ही रियायत खत्म की गई तो उग्र आंदोलन होगा। फैसला लिया गया कि 26 अगस्त को यूजेवीएनएल के मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 
इस दौरान दीपक बेनीवाल, विजय बिष्ट, सुशील शर्मा, आशीष सती, बलवंत, बलराम, किशन सेमवाल, जतन सैनी, सोहन शर्मा, मो. रियाज, एहसान मोहम्मद, शंकर, राजेश, गोपाल बिहारी, अशोक जोशी, सुमित्रा, उमेश, परमेश्वर पंवार, सागर, अवध किशोर, संजीव, अमनेश आदि मौजूद थे। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने किया विरोध विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने रियायती दरों पर बिजली मिलने की सुविधा को समाप्त करने के फैसले की निंदा की है।
संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि उप्र राज्य विद्युत परिषद के समय से ही कर्मियों, पेंशनरों को रियायती दरों पर बिजली मिलती है। राज्य गठन के बाद उप्र विद्युत परिषद का विघटन हुआ। विघटन में साफ है कि सेवा शर्तो में कमी नहीं की जा सकती। यदि फिर भी शासन बाज नहीं आता है तो आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान केहर सिंह, प्रदीप कंसल, चित्र सिंह, डीसी ध्यानी, विनोद कवि, राकेश शर्मा, रवींद्र सैनी, सुनील मोगा, पंकज सैनी आदि मौजूद थे।

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