हड़ताल पर गए कुछ कर्मचारी काम पर लौटे, कई कार्यालयों में सन्नाटा
ओबीसी व जनरल वर्ग के कार्मिकों के हड़ताल से लौटने और कोरोना वायरस से बचाव के लिए वर्क फ्रॉम होम के शासन के निर्देश का सरकारी दफ्तरों में गुरुवार को मिला-जुला असर देखने को मिला।
देहरादून, जेएनएन। ओबीसी व जनरल वर्ग के कार्मिकों के हड़ताल से लौटने और कोरोना वायरस से बचाव के लिए वर्क फ्रॉम होम के शासन के निर्देश का सरकारी दफ्तरों में गुरुवार को मिला-जुला असर देखने को मिला। कहीं ठीक-ठाक संख्या में कर्मचारी मौजूद थे तो कहीं इक्का-दुक्का। कुछ दफ्तर तो ऐसे भी थे, जहां स्टाफ के नाम पर सन्नाटा पसरा हुआ था। आम लोग अपनी फरियाद लेकर इधर-उधर चक्कर काट रहे थे। वर्क फ्रॉम होम के तहत कई कार्मिकों ने घर से भी कार्य किया।
25 कार्मिक काम पर लौटे
ओबीसी-जनरल वर्ग के कार्मिकों के हड़ताल से लौटने के बाद गुरुवार को जिला पूर्ति कार्यालय में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नजर आए। काफी संख्या में लोग भी नए राशन कार्ड बनवाने समेत विभिन्न कार्यो के लिए दफ्तर पहुंचे थे। हालांकि, कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर कर्मचारी एक-एक कर लोगों को कांउटर पर बुला रहे थे।
डीएसओ जेएस कंडारी ने बताया कि हड़ताल पर गए 25 कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। हालांकि, सामान्य दिनों की तुलना में कम लोग आ रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम अभी नहीं शुरू कराया है।
कई विभागों में वर्क फ्रॉम होम का असर
-विकास भवन में भी कर्मचारी हड़ताल से लौट आए हैं। लेकिन, घर बैठे काम करने का आदेश जारी होने के बाद कई विभागों में कर्मचारी नहीं दिखाई दिए। जिला विकास अधिकारी प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि फिलहाल घर बैठे काम करने का कोई आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, कुछ विभागों में कर्मचारी घर बैठकर कार्य कर रहे हैं।
अधिकांश कुर्सियां खाली रहीं
नगर निगम में चार से पांच कर्मचारी काम करते नजर आए। कोई भी अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं था। नगर निगम के स्वास्थ्य केंद्र में भी सफाई कर्मचारी ही मौजूद थे। अन्य सभी कुर्सियां खाली थीं।
सभी कर्मचारी दफ्तर में मौजूद
परेड ग्राउंड स्थित जिला क्रीड़ा कार्यालय में सभी कर्मचारी काम कर रहे थे। जिला क्रीड़ा अधिकारी राजेश ममगाईं ने बताया कि मार्च फाइनल के चलते सभी कर्मचारी कार्यालय में ही फाइलें निपटा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्क फ्रॉम होम फिलहाल उनके यहां नहीं है।
स्टाफ गायब, फरियादी भटके
दैनिक जागरण की टीम जब तहसील पहुंची तो अधिकांश कर्मचारी नदारद मिले। वहीं, फरियादियों से कार्यालय का हॉल भरा पड़ा था। लोग अपनी शिकायतें लेकर इधर-उधर भाग रहे थे। लेकिन, व्यथा सुनने वाला कोई भी नजर नहीं आ रहा था। फरियादियों ने बताया कि बुधवार तक हड़ताल के चलते उनकी शिकायतों का निस्तारण नहीं पा रहा था। अब हड़ताल खत्म होने के बाद भी तहसील में कर्मचारी मौजूद नहीं हैं।
खुड़बुड़ा निवासी राजेंद्र ने बताया कि दाखिल खारिज के लिए कई दिन से चक्कर काट रहा हूं, लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं हो रही। इसी तरह बालावाला निवासी अनिल ने बताया कि वह आय प्रमाण पत्र के लिए कई दिन से चप्पलें घिस रहे हैं। इसी तरह क्लेमेनटाउन के भारूवाला निवासी खालिद हुसैन की भी कोई फाइल तहसील में अटकी है। दिव्यांग खालिद 15 दिन से तहसील के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक पैर से लाचार होने के चलते अपने साथ एक आदमी और लाना पड़ता है।
सभी कर्मचारी हड़ताल से लौटे
आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग कक्ष और वाहन फिटनेस कक्ष में लोग लाइन में लगकर दस्तावेज जमा कर रहे थे। परिसर में सभी काउंटरों पर सामान्य दिनों की तरह काम चल रहा था। कर्मचारियों ने बताया कि हड़ताल के बाद सभी लोग काम पर लौट चुके हैं। लेकिन, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कर्मचारियों को अभी तक ग्लव्स उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
अब ऑनलाइन करें रजिस्ट्रेशन
सेवायोजन कार्यालय में सामान्य दिनों की तुलना में कम कर्मचारी कार्य करते दिखे। पंजीकरण काउंटर बंद था। पूछने पर बताया गया कि आंदोलनरत अधिकांश कर्मचारी काम पर लौट चुके हैं। लेकिन, घर से काम करने के आदेश के बाद कम लोग ही दफ्तर आ रहे हैं। अन्य दिनों की तुलना में पंजीकरण कांउटर पर भी एक-दो युवक ही दिखाई दिए।
सोवायोजन अधिकारी ममता सिंह ने बताया कि काउंटर बंद करने के पीछे भीड़ को कम करना था। जो भी युवा रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं, उनके लिए विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि 15 कर्मचारियों में से चार वर्क फ्रॉम होम पर हैं।
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