कृषि-उद्यान विभाग एकीकरण के विरोध में होगा विशाल सम्मेलन
कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने आर-पार का मन बना लिया है।
देहरादून, जेएनएन। कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने आर-पार का मन बना लिया है। इसको लेकर दिसंबर के दूसरे हफ्ते में प्रगतिशील किसानों और बागवानों का सम्मेलन कराने का फैसला लिया गया है। इसमें एकीकरण से दोनों विभागों के कर्मियों और किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा होगी। साथ ही राज्य सरकार की मनमानी के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
सोमवार को कृषि और उद्यान कार्मिक संयुक्त मोर्चा के मुख्य संयोजक डीएस असवाल और सह संयोजक दीपक पुरोहित के नेतृत्व में कर्मियों ने कृषि अपर सचिव रामबिलास यादव से मुलाकात की। कर्मियों ने अपर सचिव से दोनों विभागों के एकीकरण के उद्देश्य और इससे भविष्य में आने वाली समस्याओं पर सवाल किए। अपर सचिव के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर उन्होंने सर्वे चौक स्थित विकास भवन के उद्यान विभाग कार्यालय में बैठक की। अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के अध्यक्ष डीएस असवाल ने कहा कि अधिकारी वर्ग निजी हितों के लिए एकीकरण का प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों ने जो प्रस्ताव दिए हैं, उनमें अधिकारी संवर्ग के पद ज्यादा हैं और फील्ड कर्मी संवर्ग के पदों में कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि कृषि और उद्यान विभाग का एकीकरण उचित नहीं होगा।
महामंत्री वीके धस्माना ने बताया कि दिसंबर के दूसरे हफ्ते में दोनों विभागों के कर्मियों, प्रगतिशील किसानों और बागवानों का सम्मेलन कराया जाएगा। इसमें सरकार के मनमाने आदेश से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। सभी ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एकीकरण की बैठक कराने की मांग की। बैठक में एनएस रावत, सीएल असवाल, शैलेंद्र सिंह चौहान, ललित मोहन रावत, प्रताप सिंह रौथाण आदि मौजूद रहे।
प्रांतीय संयोजक मंडल गठित
कृषि और उद्यान विभाग ने एकीकरण की लड़ाई को धार देने के लिए प्रांतीय स्तर पर संयोजक मंडल का गठन किया है। इसमें डीएस असवाल को मुख्य संयोजक, दीपक पुरोहित को सह संयोजक, ललित मोहन रावत को प्रांतीय कोषाध्यक्ष चुना गया है।
मंत्री बोले, हर हाल में होगा कृषि-उद्यान का एकीकरण
कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण को लेकर कर्मचारी संगठनों के विरोध के सुरों के बीच कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने साफ किया कि दोनों विभागों का हर हाल में एकीकरण होगा। एकीकृत कृषक कल्याण विभाग नए साल में अस्तित्व में आ जाएगा। साथ ही यह भी कहा कि इसमें किसी भी कार्मिक के हित प्रभावित नहीं होने दिए जाएंगे।
समान कार्य करने वाले विभागों के एकीकरण की कड़ी में सरकार ने कृषि एवं उद्यान विभाग को एकीकृत कर कृषक कल्याण विभाग बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए होमवर्क भी करीब-करीब पूरा हो चुका है। कर्मचारी संगठन एकीकरण का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे जहां वरिष्ठता, पदों में कटौती जैसे तमाम मसले सामने आएंगे। साथ ही कार्यों के संपादन में भी दिक्कतें पेश आएंगी।
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इस बीच सोमवार को दैनिक जागरण से बातचीत में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्यहित में दोनों विभागों का एकीकरण बेहद जरूरी है। एकीकरण हर हाल में होगा। कोशिश ये है कि नए साल में एकीकृत कृषक कल्याण विभाग अस्तित्व में आ जाए। इसके लिए तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें कर्मचारियों की आंशकाओं को दूर कर लिया जाएगा।
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पद होंगे कम, खर्च घटेगा एक लाख
कृषि एवं उद्यान विभाग के एकीकरण में पद कम होंगे। सूत्रों के अनुसार एकीकरण के प्रस्तावित मसौदे में पदों की संख्या 5539 रखी गई है, जबकि वर्तमान में दोनों विभागों में 6040 पद हैं। यही नहीं, वर्तमान में इन पदों के वेतन आदि पर प्रतिमाह 1.57 करोड़ रुपये व्यय हो रहे हैं, जबकि एकीकरण के बाद यह व्यय 1.56 करोड़ हो जाएगा।
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