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शु्क्रवार को होगा आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार

सरकार के उदासीन रवैये और बर्खास्तगी की चेतावनी के बाद उपनल कर्मियों का गुस्सा और बढ़ गया है। उपनल कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार से प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार करने का एलान किया है। एकता विहार स्थित धरनास्थल पर क्रमिक अनशन शुरू करने का निर्णय लिया है।

By Ritika KumariEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 08:14 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 08:14 PM (IST)
शु्क्रवार को होगा आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार
उपनल कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार से प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार करने का एलान किया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकार के उदासीन रवैये और बर्खास्तगी की चेतावनी के बाद उपनल कर्मियों का गुस्सा और बढ़ गया है। उपनल कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार से प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार करने का एलान किया है। साथ ही एकता विहार स्थित धरनास्थल पर क्रमिक अनशन शुरू करने का निर्णय लिया है। उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मी सरकार के खिलाफ और मुखर हो गए हैं। समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले बीते सोमवार से कार्यबहिष्कार पर डटे कर्मियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। एकता विहार में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी धरने पर डटे हैं। उपनल की ओर से पांच दिन के भीतर ड्यूटी पर न लौटने वाले कर्मियों को बर्खास्तगी की चेतावनी भी जारी की गई है। जिसके बाद महासंघ में भारी आक्रोश है। 

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महासंघ के अध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने गुरुवार को धरने को संबोधित करते हुए कहा कि उपनल कर्मचारी मांगों को लेकर चार दिन से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। सरकार के इस अडिय़ल रवैये को देखते हुए शुक्रवार से स्वास्थ्य, परिवहन, विद्युत, पेयजल, नगर निगम, खाद्य आदि आवश्यक सेवाओं को भी बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा महासंघ के सदस्य क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। आंदोलन में प्रदेश के समस्त राजकीय विभागों, सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, निकायों, विश्वविद्यालयों, विकास प्राधिकरण और केंद्र पोषित योजनाओं में उपनल के माध्यम से करीब 22 हजार कार्मिक शामिल हैं। धरने में प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत, पूर्व अध्यक्ष दीपक चौहान, भवेश जगूड़ी, विद्यासागर धस्माना, विनोद गोदियाल, हरीश कोठारी, विजयराम खंकरियाल, नरेश शाह, हिमांशु सुयाल, प्रदीप कश्यप, सोहन लाल, मीना रौथाण, पल्लवी, अमिता, पूनम, कल्पना आदि शामिल रहे। 

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दिया साथ

उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी उपनल कर्मियों का समर्थन किया है। परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह, महामंत्री अरुण पांडे, चौधरी ओमवीर सिंह, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बनवारी सिंह रावत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष सुनील देवली, फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि सुधा कुकरेती ने धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन दिया।

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सचिवालय कूच स्थगित

प्रशासन की अनुमति न मिल पाने के कारण उपनल कर्मचारी महासंघ का सचिवालय कूच स्थगित हो गया है। शुक्रवार को प्रस्तावित कूच को लेकर महासंघ ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन और शांति व्यवस्था का हवाला देकर अनुमति नहीं दी।

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