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सामने आ धमका विशालकाय हाथी, एक घंटे तक अटकी रही यात्रियों की सांस

नीलकंठ से दर्शन कर पैदल लौट रहे हरियाणा के 60 यात्रियों के आगे अचानक टस्कर आ धमका। वन विभाग की टीम ने किसी तरह से इस हाथी को जंगल में खदेड़ा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 04:28 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 04:28 PM (IST)
सामने आ धमका विशालकाय हाथी, एक घंटे तक अटकी रही यात्रियों की सांस
सामने आ धमका विशालकाय हाथी, एक घंटे तक अटकी रही यात्रियों की सांस

ऋषिकेश, जेएनएन। राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज के नीलकंठ बैराज मार्ग पर हाथी सक्रिय हो गए हैं। नीलकंठ से दर्शन कर पैदल लौट रहे हरियाणा के 60 यात्रियों के आगे अचानक टस्कर आ धमका। वन विभाग की टीम ने किसी तरह से इस हाथी को जंगल में खदेड़ा। करीब एक घंटा इन यात्रियों की सांसें अटकी रही। पार्क प्रशासन ने बैराज स्वर्गाश्रम मार्ग पर शाम सात बजे बाद वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है। 

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राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज को हाथी और बाग की कॉरिडोर के रूप में जाना जाता है। बैराज से स्वर्ग आश्रम तक का रास्ता घने जंगल से होकर गुजरता है। इनदिनों मस्त काल होने के कारण इस क्षेत्र में हाथियों की सड़क पर सक्रियता बढ़ गई है। इसके चलते यहां से गुजरने वाले स्थानीय लोगों और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। नीलकंठ महादेव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ गई है। 

रविवार को नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शन करने के बाद हरियाणा से आए करीब 60 श्रद्धालुओं का दल पैदल मार्ग से लौट रहा था। सायं करीब सवा सात बजे नीलकंठ पैदल मार्ग पर मोनी बाबा आश्रम के समीप अचानक रास्ते में एक विशाल टस्कर जंगल से निकलकर सामने खड़ा हो गया। यात्रियों ने किसी तरह वापस लौट कर सुरक्षित स्थान पर जाकर जान बचाई। इस बीच वन विभाग की टीम भी पहुंच गई। 

फॉरेस्ट गार्ड नवीन ध्यानी पास के इलाके में ही गश्त कर रहे थे। करीब एक घंटे तक काफी मशक्कत के बाद हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा गया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने यात्री दल को सुरक्षित स्वर्गाश्रम मुख्य मार्ग तक पहुंचाया। गौहरी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी दिनेश प्रसाद उनियाल ने बताया कि वर्तमान में हाथियों का मस्त काल है। एक टस्कर आजकल यहां काफी सक्रिय है। संभावित खतरे को देखते हुए शाम 7 बजे बाद बैराज स्वर्गाश्रम मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने स्थानीय लोगों से शाम के वक्त बैराज की बजाय गरुड़ चट्टी के रास्ते आवाजाही की अपील की है। 

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