यहां पहली बार टिमटमाए वन गुर्जरों के घरों में बल्ब, जानिए
कुल्हाल पंचायत की धौला तप्पड़ बस्ती आखिरकार रोशन हो ही गर्इ। यहां सोलर लाइटें लगने पर स्थानीय बाशिंदों के चेहरे खिल उठे।
विकासनगर, जेएनएन। कुल्हाल पंचायत की धौला तप्पड़ बस्ती में पहली बार बल्ब टिमटिमाए। सोलर लाइटें लगने पर स्थानीय बाशिंदों के चेहरे खिल उठे। पिछले चार साल से वन गुर्जरों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आंदोलन कर रहे वारियर्स गर्ल्स ग्रुप, मानवाधिकार और आरटीआइ एसोसिएशन ने बस्ती में सोलर लाइटें लगने पर खुशी जाहिर की।
कुल्हाल पंचायत की धौला तप्पड़ वन गुर्जर बस्ती में पिछले पचास साल से अस्सी परिवार स्थायी तौर पर निवास कर रहे हैं। वन कानून आड़े आने से इस बस्ती में अभी तक मूलभूत सुविधाएं विकसित नहीं हो पाई हैं। दो वर्ष पूर्व स्थानीय बाशिंदों के लिए शौचालय बनाए गए थे, लेकिन गत वर्ष वन विभाग ने शौचालय निर्माण को अवैध करार देते हुए तोड़ डाला। सुविधाओं के नाम पर इस बस्ती में एक अस्थायी शिक्षा केंद्र संचालित हो रहा है, जिसमें पांचवीं तक नौनिहालों को तालीम दी जा रही है।
कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज के घने जंगल के बीच में बसी गुर्जर बस्ती से कुल्हाल पावर हाउस व उत्तर प्रदेश के खारा पावर हाउस की बिजली आपूर्ति के लिए हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। लेकिन बस्ती के बाङ्क्षशदों को बिजली मुहैया कराने के लिए वन विभाग यहां अनुमति नहीं दे रहा है। लंबे समय से बिजली आपूर्ति की मांग कर रहे वन गुर्जरों को विधायक सहदेव पुंडीर के प्रयास से आखिर प्रशासन ने वैकल्पिक तौर पर सौर ऊर्जा मुहैया करा ही दी।
पिछले चार साल से धोला तप्पड़ वन गुर्जर बस्ती के बाशिंदों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आंदोलन कर रही ग्रुप अध्यक्ष रिहाना सिद्दीकी व एसोसिएशन अध्यक्ष अरविंद शर्मा ने बस्ती में सौर ऊर्जा मुहैया मुहैया होने को बस्ती के विकास के लिए मील का पत्थर करार दिया। साथ ही बस्ती के बाशिंदे लियाकत, मुबारक अली, शमशाद, गुलाम मोहम्मद, युसुफ ने घर रोशन होने पर खुशी जताते हुए अन्य मूलभूत सुविधाएं भी शीघ्र मुहैया कराने की मांग प्रशासन से की है।
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