लाइन टूटने से 27 घंटे गायब रही बिजली, सैकड़ों परिवारों को करना पड़ा परेशानी का सामना
त्यूणी के लिए बिछाई गई हाइटेंशन लाइन बीते सोमवार को आसोई और फेडुलानी के बीच टूटने से सीमांत क्षेत्र के करीब अस्सी गांवों की बिजली गुल हो गई।
देहरादून, जेएनएन। साहिया से त्यूणी के लिए बिछाई गई हाइटेंशन लाइन बीते सोमवार को आसोई और फेडुलानी के बीच टूटने से सीमांत क्षेत्र के करीब अस्सी गांवों की बिजली गुल हो गई। आपूर्ति नहीं होने से सैकडों ग्रामीण परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बत्ती गुल होने से लॉक डाउन के चलते इन दिनों घरों में बैठे लोगों का समय काटना मुश्किल हो गया। एसडीओ अशोक कुमार के निर्देशन ऊर्जा निगम टीम ने कड़ी मशक्त के बाद आपूर्ति बहाल किया। सोमवार सुबह से बाधित बिजली आपूर्ति मंगलवार शाम को सुचारू हो सकी।
जौनसार-बावर के सीमांत त्यूणी व चकराता तहसील क्षेत्र से जुड़े करीब अस्सी गांवों में 27 घंटे बिजली व्यवस्था ठप रही। ऊर्जा निगम के एसडीओ अशोक कुमार ने कहा कि सोमवार को आसोई के पास सड़क पर निर्माण कार्य के चलते साहिया से त्यूणी के लिए बिछाई गई 33 केवीए हाइटेंशन लाइन ओसाई के पास मयार खड्ड व फेडुलानी के बीच टूट गई। इससे त्यूणी व सावड़ा दोनों बिजलीघर की पावर सप्लाई ठप पड़ गई। स्थानीय लोगों ने कहा कि सोमवार सुबह से गायब बिजली मंगलवार शाम को करीब पांच बजे सुचारू हो सकी।
हाइटेंशन टूटने से त्यूणी और सावड़ा बिजलीघर से जुड़े बावर, देवघार, शिलगांव, फनार, लखौ, बाणाधार, मशक, कांडोई-भरम क्षेत्र के ग्रामीण इलाके प्रभावित रहे। एसडीओ अशोक कुमार ने कहा आसोई और मयार खड्ड के पास चल रहे सड़क निर्माण कार्य की वजह से हाइटेंशन लाइन को बड़ा खतरा है। सड़क कटिंग कार्य के चलते हाइटेंशन लाइन के दस से ज्यादा पोल खतरे की जद में आ गए, जो कभी भी गिर सकते हैं। इस बारे में ऊर्जा निगम ने पीएमजीएसवाई अधिकारियों को सूचना कर दी है। एसडीओ ने कहा कि मंगलवार सुबह से जुटी ऊर्जा निगम टीम ने शाम को क्षेत्र में बाधित बिजली व्यवस्था को जैसे-तैसे सुचारू कर दिया है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में नौ मिनट तक 280 मेगावाट कम हुआ बिजली का लोड
ऊर्जा निगम कर्मियों ने की बिजलीघर की सफाई
लॉकडाउन के चलते ऊर्जा निगम कर्मियों ने चकराता बिजलीघर की साफ-सफाई की। इस दौरान ऊर्जा निगम कर्मियों ने पुराने और अनुपयोगी विद्युत उपकरणों की छंटाई का कार्य किया। बिजलीघर की साफ-सफाई में जुटे निगम कर्मियों ने एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर अपने कार्य को अंजाम दिया। इससे बिजलीघर में काफी समय से जमा कूड़े-कचरे को एकत्र किया गया। इसके अलावा पुराने सामान की छंटाई कर उसे अलग स्टोर रुम में रखा गया। जबकि नए सामान को दूसरे स्टोर रूम में रखा गया।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में नौ मिनट में 200 मेगावाट बिजली की होगी कम खपत, घटाया जाएगा उत्पादन