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यहां राह चलते को 'झटका' देते हैं बिजली के खंभे, पढ़िए पूरी खबर

सड़कों पर बेतरतीब खड़े बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर खतरे को खुली दावत दे रहे हैं। इनमें 22 ट्रांसफार्मर और 77 बिजली के पोल ऐसे हैं जो कभी भी बड़ा झटका दे सकते हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 03:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 08:30 PM (IST)
यहां राह चलते को 'झटका' देते हैं बिजली के खंभे, पढ़िए पूरी खबर
यहां राह चलते को 'झटका' देते हैं बिजली के खंभे, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, संतोष भट्ट। राजधानी की सड़कों पर बेतरतीब खड़े बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर खतरे को खुली दावत दे रहे हैं। इनमें मुख्य सड़क से लेकर आंतरिक सड़कों पर 22 ट्रांसफार्मर और 77 बिजली के पोल ऐसे हैं, जो कभी भी बड़ा 'झटका' दे सकते हैं। इसे लेकर प्रशासन से शासन तक के अधिकारी चिंतित तो जरूर दिखते हैं, लेकिन धरातल पर इनकी चिंता नजर नहीं आती। यही कारण है कि 18 साल बाद भी नाली, फुटपाथ और सड़क घेर कर खड़े ये पोल और ट्रांसफर न केवल आम नागरिकों की जान पर भारी पड़ते दिख रहे, बल्कि सड़क पर चलने वालों को भी परेशानी में डालते हैं। पर इनको शिफ्ट करने की योजना बैठकों से बाहर नहीं आ पाती। 

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देहरादून शहर को स्मार्ट सिटी, माडल रोड, स्मार्ट रोड न जाने क्या क्या ख्वाब दिखाए जा रहे हैं। मगर, हकीकत इसके परे है। यहां सड़कों पर खड़े बिजली के पोल व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी हैं। यह स्थिति तब है, जब सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हर माह होती है। इसके अलावा सड़क निर्माण से जुड़े विभाग, ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन बैठकों में इस समस्या पर चर्चा करते हुए देखे जाते हैं।

मगर, कार्रवाई के नाम पर कभी दूसरे विभाग पर जिम्मेदारी थोप दी जाती है तो कभी बजट रोड़ा बन जाता है। हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद तो ऐसे बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर की संख्या बढ़ गई है। उस दौरान राज्य के अपर मुख्य सचिव से लेकर दूसरे अधिकारी सड़क पर उतरे तो कहा कि पोल बिना बजट के शिफ्ट कर दिए जाएंगे। लेकिन अभियान के बाद सड़क तो चौड़ी हो गई, लेकिन पोल और ट्रांसफार्मर बीचोंबीच आ गए। 

करीब एक साल से इन पोल को न तो शिफ्ट किया गया और न ही इसके लिए कोई व्यवस्था अभी तक बन पाई। इसी तरह आइएसबीटी से घंटाघर तक करीब छह किमी की मॉडल रोड बनाई गई। यहां भी आठ से ज्यादा ट्रांसफार्मर और 23 पोल फुटपाथ, नाली और सड़क पर ट्रैफिक के लिए बाधा बने हुए हैं। यहां भी सात करोड़ रुपये फुटपाथ और नाली निर्माण में खर्च हो गए। लेकिन, पोल और ट्रांसफार्मर न हटने से फुटपाथ भी कई जगह पब्लिक के उपयोग में नहीं आ रहा है। इससे सात करोड़ का बजट भी इसमें बेकार ही चला गया। बहरहाल राजधानी की सड़कों पर हादसों को न्योता देने वाले पोल और ट्रांसफार्मर जल्द न हटाए गए तो वह दिन दूर नहीं जब इनके कारण बड़ी दुर्घटना घटित हो जाएगी। 

 

करंट लगने का भी खतरा 

सड़क और फुटपाथ पर खड़े बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर से अक्सर चिंगारी उठने से आसपास के लोगों के करंट की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है। सड़क से वाहनों और पैदल चलने वालों को इन बिजली के पोल और ट्रांसफर के करीब गुजरते वक्त इस बात का डर रहता है कि कहीं करंट न लग जाए। खासकर बारिश के दौरान यहां ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं। 

वाहन चालक हो चुके दुर्घटना के शिकार 

शिमला बाईपास, आराघर, रायपुर रोड, ईसी रोड आदि स्थानों पर सड़क के बीचोंबीच खड़े पोल की जद में आने से कई वाहन दुर्घटना का शिकार हो गए हैं। आराघर पुलिस चौकी के पास तो कार की टक्कर से दो युवकों की मौत हो गई थी। इसी तरह कारगी रोड और सहस्रधारा रोड पर भी बिजली के गलत जगह खड़े पोल हादसों का कारण बन चुके हैं। 

मंत्री का आदेश भी हवा 

आइएसबीटी से घंटाघर के बीच नाली, फुटपाथ और सड़क पर अवरोधक बनने वाले पोल और ट्रांसफर हटाने के लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने निरीक्षण के दौरान हटाने के निर्देश दिए थे। मगर, बिजली और लोनिवि ने मंत्री के आदेशों पर भी इस तरफ कार्रवाई नहीं की। इससे यहां पोल जस की तस हाल में खड़े हैं। कुछ जगह ट्रांसफर को हटाते हुए फुटपाथ आपस में जोडऩे को कहा गया था। लेकिन पोल और ट्रांसफार्मर से फुटपाथ भी आधा-अधूरे हैं। 

टेलीफोन के पोल और जंक्शन भी 

सड़कों पर टेलीफोन की लाइन को खड़े पोल, ओएफसी के जंक्शन वाले डिब्बे भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। सड़क के किनारे वर्षों से खड़े इन पोल और डिब्बों से वाहन आए दिन टकरा रहे हैं। बावजूद इसके विभाग इन पर ध्यान नहीं दे रहा है। ओएफसी अंडर ग्राउंड होने के बावजूद यह जंक्शन सड़क पर आवाजाही में बाधा बने हुए हैं। 

जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि शहर की कुछ सड़कों के चौड़ीकरण की स्वीकृति मिल गई है। यहां बिजली के पोल भी शिफ्ट किए जाने हैं। हादसों को न्योता दे रहे पोल और ट्रांसफार्मर शिफ्ट किए जाएंगे। इस संबंध में बिजली विभाग को पहले भी निर्देश दिए जा चुके हैं। 

एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि शहर की सड़कों पर बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर दिन में ट्रैफिक और रात को दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। ऐसे स्थानों को चिह्नित कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। संबंधित विभाग को निर्धारित समय के भीतर हटाने का अनुरोध किया जाएगा। इसके बाद यदि कोई हादसा हुआ तो जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। 

यूपीसीएल के अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के बाद कुछ पोल सड़क के बीचोंबीच आ गए हैं। इनको हटाने के लिए बजट मांगा गया है। बजट न मिलने से इनको शिफ्ट किया जाना संभव नहीं है। इसी तरह शहर के दूसरे इलाकों में भी पोल और ट्रांसफार्मर हटाने के लिए बजट की मांग की जाएगी। ताकि इनको सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। 

यहां हादसों को न्योता दे रहे पोल 

-22 पोल सर्वे चौक से रायपुर रोड 

-12 पोल राजपुर-मसूरी रोड 

-07 पोल लालपुल से कारगी चौक 

-05 पोल जोगीवाला से रिंग रोड 

-05 पोल प्रिंस चौक से सहारनपुर चौक 

-05 पोल रिस्पना से नेहरू कॉलोनी रोड 

-04 धर्मपुर से रेसकोर्स रोड 

-02 पोल एसएसपी दफ्तर से कचहरी रोड 

-02 पोल तिब्बती बाजार से दून चौक के बीच 

-03 पोल चकराता रोड 

-05 पोल माता मंदिर रोड 

-04 पोल कारगी से मोथरोवाला रोड 

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