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Electricity Crisis in Uttarakhand: 26 लाख उपभोक्ताओं को नहीं सताएगा बिजली गुल होने का डर, बना यह प्‍लान

Electricity Crisis in Uttarakhand डबल इंजन के बूते बिजली सुधारों को लेकर उत्तराखंड का बड़ा सपना पूरा होने जा रहा है। प्रदेश में वह दिन दूर नहीं जब 26 लाख उपभोक्ताओं को बिजली की निर्बाध आपूर्ति होगी।

By Ravindra kumar barthwalEdited By: Nirmala BohraPublished: Sun, 29 Jan 2023 11:39 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 11:39 AM (IST)
Electricity Crisis in Uttarakhand: 26 लाख उपभोक्ताओं को नहीं सताएगा बिजली गुल होने का डर, बना यह प्‍लान
Electricity Crisis in Uttarakhand: डबल इंजन के बूते बिजली सुधारों को लेकर बड़ा सपना पूरा होने जा रहा है।

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून : Electricity Crisis in Uttarakhand: प्रदेश में वह दिन दूर नहीं जब 26 लाख उपभोक्ताओं को बिजली की निर्बाध आपूर्ति होगी।

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इसके लिए बिजली वितरण की व्यवस्था में व्यापक सुधार करते हुए उसे सशक्त बनाया जाएगा। डबल इंजन के बूते बिजली सुधारों को लेकर उत्तराखंड का बड़ा सपना पूरा होने जा रहा है।

4837 किमी पुरानी एलटी लाइनों को एरियल बंच केबल से बदला जाएगा। 8826 क्षतिग्रस्त पोल का स्थान नए पोल लेंगे और 496 डायनेमिक थर्मल रेटिंग यानी डीटीआर के पर्यावरण अनुकूल ढांचे निर्मित किए जाएंगे।

24 नए सब स्टेशन के साथ 1351 किमी बिजली की तारों की जगह केबल लेंगी। हल्द्वानी और नैनीताल को ओवरहैड बिजली की लाइनों से छुटकारा मिलेगा। इनके स्थान पर भूमिगत केबल बिछाई जाएंगी।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय खुश

ऊर्जा सुधारों को लेकर उत्तराखंड में उठाए गए कदमों से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय खुश है। पुरस्कार स्वरूप उत्तराखंड में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने, उसके आधुनिकीकरण और बिजली की चोरी रोकने के लिए रीवैंप्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत महत्वाकांक्षी परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।

इसके अंतर्गत बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता, विश्वसनीयता के साथ उसे वहन करने योग्य बनाया जाएगा। साथ में वर्ष 2024-25 तक लाइन लास को 12 से 15 प्रतिशत के बीच लाया जाएगा।

बिजली आपूर्ति को बाधा रहित और सुचारू बनाने के लिए 1426 करोड़ लागत से विभिन्न योजनाओं को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है। ऊर्जा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि आपूर्ति सुधारने से लाइन लास को कम करने में भी बड़ी सहायता मिलेगी। बिजली की पुरानी लाइन को व्यापक स्तर पर बदला जाएगा।

ब्रेकडाउन होने की स्थिति में बिजली आपूर्ति में व्यवधान से राहत दिलाने को वैकल्पिक बिजली आपूर्ति और सब स्टेशन नेटवर्क को इंटरलिंक किया जाएगा। डीटीआर ढांचे के रूप में ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिसमें बिजली की 11 केवी लाइन, ट्रांसफार्मर से लेकर एलटी लाइन नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा। इसे आकाशीय बिजली से बचाने की पुख्ता व्यवस्था भी की जाएगी।

विभिन्न विद्युत वितरण खंडों में बिछाई जाएंगी भूमिगत केबल

विद्युत वितरण व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर 1248 करोड़ की लागत आएगी। इसमें भूमिगत केबल विभिन्न विद्युत वितरण खंडों में बिछाई जाएंगी। विभिन्न जिलों में नए सब स्टेशन के साथ ही नए ट्रांसफार्मर, नए पोल, नई केबल बिछाई जाएंगी। इस योजना का महत्वपूर्ण भाग बिजली की स्मार्ट मीटरिंग प्रणाली लागू करना भी है। इस योजना पर 1045 करोड़ की राशि खर्च होगी।

ऊर्जा सचिव ने बताया कि इस योजना में प्रदेश के 15.84 लाख घरेलू व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के आवास व प्रतिष्ठानों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। यही नहीं 11 केवीए लाइन नेटवर्क, ट्रांसफार्मर समेत तमाम स्तर पर फीडर मीटरिंग की जाएगी।

स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य मार्च, 2023 से किया जाएगा। वर्ष 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा निगम की 2600 करोड़ लागत की इन तीनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर सैद्धांतिक सहमति दी है।


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