गजब: बिजली जलाई नहीं, बिल आ गया सोलह हजार रुपये
देहरादून के सहसपुर के गांव शंकरपुर में ग्रामीण बिना बिजली का इस्तेमाल किए ही ऊर्जा निगम के कर्जदार बन गए हैं। उनके नाम से सोलह-सोलह हजार के बिल आ रहे हैं।
विकासनगर (देहरादून), जेएनएन। सहसपुर के गांव शंकरपुर में ग्रामीण बिना बिजली का इस्तेमाल किए ही ऊर्जा निगम के कर्जदार बन गए हैं। ग्रामीणों ने ऊर्जा निगम से मामले की जांच कर उपभोक्ताओं को राहत देने की मांग की है।
सहसपुर क्षेत्र के ग्राम रामपुर-शंकरपुर में मार्च में प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत बीपीएल परिवारों के घरों पर मुफ्त में कनेक्शन लगाए गए थे। मोहल्ले में बाहर की दीवार पर सभी उपभाक्ताओं के मीटर भी इस प्रक्रिया के तहत लगा दिए गए। इन मीटर में विद्युत पोल से इनपुट तार डाल दी गई थी, लेकिन मीटर से घरों पर जाने वाली आउटपुट तार को उपभोक्ता अपने घर तक नहीं ले गए। उनके नाम से सोलह-सोलह हजार के बिल आने पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के मुखियाओं के होश फाख्ता हो गए।
वह ऊर्जा निगम के दफ्तर पहुंचे तो पता चला कि मीटर लगने के बाद से ही बिलिंग शुरू हो जाती है। उपभोक्ता जमशेद, फुरकान, दिलशाद, रियाजुल आदि का कहना है कि मीटर लगाने के बाद ऊर्जा निगम के किसी कर्मचारी अधिकारी ने उन्हें मीटर लगने से आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं दी। जिससे वह घरों तक आउटपुट केबल को नहीं ले गए।
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वहीं मामले में अधिशासी अभियंता सुधीर सिंह का कहना है कि ऊर्जा निगम ने योजना के तहत विद्युत पोल से मीटर तक लाइन चालू करके उपभोक्ताओं को बता दिया था, लेकिन अधिकतर उपभोक्ताओं के घरों पर अन्य दूसरे नामों से विद्युत कनेक्शन चालू होने के कारण उन्होंने मीटर से अपने घर तक तार नहीं डलवाई। विभागीय स्तर से कनेक्शन चालू होने के बाद निर्धारित शुल्क भी शुरू हो जाता है, लेकिन फिर भी सोलह हजार का बिल नहीं आना चाहिए। इस संबंध में पूरी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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