डॉ. केएस नपलच्याल अध्यक्ष व डॉ. हरदेव सिंह रावत महासचिव
राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी में डॉ. केएस नपलच्याल अध्यक्ष व डॉ. हरदेव सिंह रावत दोबारा महासचिव निर्वाचित हुए हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी में डॉ. केएस नपलच्याल अध्यक्ष व डॉ. हरदेव सिंह रावत दोबारा महासचिव निर्वाचित हुए हैं।
जीएमएस रोड स्थित होटल में आयोजित राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ का प्रांतीय अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का चुनाव भी हुआ। निर्वाचित कार्यकारिणी में डॉ. मीरा रावत वरिष्ठ उपाध्यक्ष और डॉ. अजय चमोला व डॉ. वंदना डंगवाल उपाध्यक्ष चुने गए हैं। सचिव पद पर डॉ. शैलेश जोशी, मंडलीय सचिव गढ़वाल के पद पर डॉ. दिनेश जोशी, मंडलीय सचिव कुमाऊं पर डॉ. दीपक गंगवार, कोषाध्यक्ष पर डॉ. गजेंद्र बसेड़ा, सचिव गोष्ठी एवं साहित्य पर डॉ. अवनीश उपाध्याय व आय-व्यय निरीक्षक के पद पर डॉ. वीरेंद्र रौतेला ने जीत हासिल की। नई कार्यकारिणी ने शुक्रवार को अग्रवाल धर्मशाला में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कार्यकारिणी का विस्तार किया। संरक्षक मंडल में डॉ. आशुतोष पंत, डॉ. सुशील चंद्र चौकियाल व डॉ. जेएन नौटियाल को जगह दी गई है। डॉ. डीडी बधाणी संयोजक, डॉ. धीरेंद्र कैंतुरा सह संयोजक, डॉ. नीरज कोहली व डॉ. दीपांकर बिष्ट प्रांतीय प्रवक्ता, डॉ. दिनेश पशबोला प्रचार सचिव और डॉ. राजेंद्र तोमर व डॉ. दिनेश शर्मा कार्यालय सचिव बनाए गए हैं। डॉ. हरिमोहन त्रिपाठी, डॉ. हर्ष सिंह धामी, डॉ. आरके भंट्ट, डॉ. केके पांडे व डॉ. कुसुम खाती को कार्यकारिणी सदस्य नामित किया गया है। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने कहा कि संघ की पांच सूत्रीय मांगों पर जल्द ही कार्ययोजना बनाकर उन्हें पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा।
ये रखी मांग
-आयुष चिकित्सकों को भी एलोपैथी चिकित्सकों के समान डीएसीपी का लाभ।
-विभागीय ढांचे का पुनर्गठन कर चिकित्साधिकारी संवर्ग से ही निदेशक की नियुक्ति
-सेवानिवृत्त चिकित्साधिकारियों के पेंशन प्रकरणों का जल्द निस्तारण।
-हिमाचल समेत अन्य राज्यों की भांति एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकार।