उत्तराखंड में बुजुर्गों और गंभीर बीमारों को संस्थागत क्वारंटाइन से छूट, गाइडलाइन में ये भी हुए बदलाव
उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से आने वाले 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो गंभीर बीमारों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों को सात दिन के संस्थागत क्वारंटाइन से छूट रहेगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से आने वाले 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों, गंभीर बीमारों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों को सात दिन के संस्थागत क्वारंटाइन से छूट रहेगी। इसके साथ ही गर्भवती और स्वजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों को भी छूट दी जाएगी। हालांकि, शर्त यह है कि इनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाई देने चाहिए।
उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के संस्थागत और होम क्वारंटाइन के बारे में संशोधित गाइडलाइन जारी की। इसमें यह कहा किया गया है कि कोरोना के लिहाज से संवेदनशील घोषित किए गए देश भर के 75 शहरों से आने वाले लोगों को सात दिन तक अनिवार्य रूप से संस्थागत क्वारंटाइन में रहना होगा। इसके बाद कोई लक्षण न पाए जाने पर उन्हें 14 दिन होम क्वारंटाइन में गुजारने होंगे। इस तरह यह कुल अवधि 21 दिनों की रखी गई है। पहले रेड जोन से आने वालों को 14 दिन संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जा रहा था।
बीते दिन जारी आदेश में संस्थागत और होम क्वारंटाइन के दिनों का हिसाब तो था, लेकिन इसमें कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं था कि इससे किस-किस को छूट रहेगी। दरअसल, क्वारंटाइन के संबंध में पहले जो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई थी, उसमें यह स्पष्ट किया गया था कि गर्भवती, स्वजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों, बुजुर्ग, बीमार और छोटे बच्चों के अभिभावकों को संस्थागत क्वारंटाइन से छूट रहेगी।
संशोधित गाइडलाइन में इसका उल्लेख नहीं है। इससे दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासियों के सामने भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन शैलेश बगोली ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जो छूट निर्धारित की गई थी वह यथावत रहेगी। बुजुर्ग, गंभीर बीमार आदि को संस्थागत क्वारंटाइन से छूट रहेगी।
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