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एकाकी बुजुर्ग दंपतियों की होगी काउंसिलिंग

दून में रह रहे बुजुर्ग दंपतियों से पुलिस उनके घर पर जाकर मिलेगी। उनसे उनकी समस्याएं पूछेगी और उनका निस्तारण भी करेगी।

By Edited By: Published: Sun, 10 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jun 2018 05:06 PM (IST)
एकाकी बुजुर्ग दंपतियों की होगी काउंसिलिंग
एकाकी बुजुर्ग दंपतियों की होगी काउंसिलिंग
जागरण संवाददाता, देहरादून: दून में रह रहे बुजुर्ग दंपतियों से पुलिस उनके घर पर जाकर मिलेगी। उनसे उनकी समस्याएं पूछेगी और उनका निस्तारण भी करेगी। पुलिस यह अभियान अगले माह से शुरू किया जाएगा। इसमें पुलिस इलाके की स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद लेगी। जिंदगी में आगे बढ़ने की होड़ में युवा पीढ़ी बुजुर्गो से दूर होती जा रही है। बुजुर्ग या तो अपने कामकाजी बेटे-बहू के लिए बोझ नहीं बनना चाहते या फिर ऐसे बेटे-बहू उनके साथ रहना ही नहीं चाहते। ऐसी स्थिति में बुजुर्गो के लिए एक-एक दिन काटना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं हताशा और निराशा में वह आत्मघाती कदम उठाने से भी नहीं कतराते, जो समूचे परिवार को जीवन भर का दर्द दे जाती है। बीते 28 अप्रैल को ऐसा ही एक वाकया पटेलनगर में सामने आया था, जहां एक सेवानिवृत्त शिक्षिका ने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेल कर आग लगा ली थी। हादसे में उनकी मौत हो गई थी। ----- अकेले रहते हैं 1885 बुजुर्ग देहरादून जैसे शहर में बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों से दूर ऐसे 1885 बुजुर्ग या दंपती यहां निवास करते हैं। एसएसपी ऑफिस के सीनियर सिटिजन सेल में इन सभी बुजुर्गो के नंबर और रिश्तेदारों के नाम-पते तक रखे जाते हैं, ताकि इन लोगों के बारे में लगातार फीडबैक लिया जाता रहे। मगर यह सब केवल फाइलों तक सिमट कर रह गया। ------ एम्पटीनेस सिंड्रोम भी हो सकती है वजह बुजुर्ग अकेलेपन के चलते एम्पटीनेस सिंड्रोम की समस्या भी चिंता का विषय है। इस सिंड्रोम की जद में महिलाएं सबसे अधिक आती हैं। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की मनोचिकित्सक डॉ. सोना कौशल कहती हैं कि ऐसा जीवन में दो बार होने की संभावना होती है। पहला तब बच्चे बड़े होकर पढ़ने या नौकरी के लिए दूर चले जाते हैं और दूसरा बुढ़ापे में। इस सिंड्रोम में व्यक्ति अकारण मानसिक तनाव से घिर जाता है। वह सिर्फ यही सोचने लगता है कि क्या यही जीवन है या फिर वह पुराने पलों को याद कर उन खुशियों को भविष्य में खोजने की कोशिश करने लगता है। ----------- वरिष्ठ नागरिकों की निगरानी को सेल स्थापित हैं। इसके साथ थानों के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात की जाएगी और उनकी समस्याएं सुनकर उनका समाधान किया जाएगा। निवेदिता कुकरेती, एसएसपी ------------ कहां है कितने सीनियर सिटिजन रायपुर, 270 मसूरी, 190 वसंत विहार, 190 विकासनगर, 141 सहसपुर, 133 ऋषिकेश, 125 कोतवाली, 106 रानीपोखरी, 96 क्लेमेनटाउन, 93 राजपुर, 90 डालनवाला, 88 नेहरू कॉलोनी, 83 रायवाला, 67 कैंट, 65 पटेलनगर, 64 प्रेमनगर, 40 डोईवाला, 30 कालसी, 7 चकराता, 7

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