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जैविक खेती को बढ़ावा देने के किए जा रहे प्रयास

विकासनगर सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई के निरीक्षण के दौरान प्रदेश के औषधीय पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष अनिल नौटियाल ने कहा कि प्रदेश में सगंध खोती पर जोर दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 12:03 AM (IST)
जैविक खेती को बढ़ावा देने के किए जा रहे प्रयास
जैविक खेती को बढ़ावा देने के किए जा रहे प्रयास

संवाद सहयोगी, विकासनगर: सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई के निरीक्षण के दौरान प्रदेश के औषधीय पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष अनिल नौटियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने सगंध पौधा केंद्र में जैविक खेती के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस दौरान पौधा केंद्र के निदेशक ने उन्हें केंद्र के माध्यम से किसानों को दी जा रही ट्रेनिग व अन्य प्रयासों की जानकारी दी।

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सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र का भ्रमण करने आए उत्तराखंड औषधीय पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष अनिल नौटियाल ने जैविक खेती के क्षेत्र में किए जा रहे सरकार के प्रयासों को किसानों के लिए लाभदायक बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में काफी संख्या में किसान औषधीय पौधों की खेती व जैविक खेती से जुड़ रहे हैं। कहा कि सगंध पौधा केंद्र के माध्यम से किसानों को व्यापक स्तर पर न सिर्फ जैविक या अन्य प्रकार की खेती के प्रति जागरूक किया जा रहा है, बल्कि केंद्र किसानों को इस प्रकार की खेती के संबंध में समय-समय पर प्रशिक्षित भी करता रहा है। उन्होंने केंद्र के प्रयासों की सराहना भी की। इस दौरान सगंध पौधा केंद्र के निदेशक नृपेंद्र चौहान ने बोर्ड के उपाध्यक्ष को जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 21 हजार से अधिक किसान सगंध खेती से लाभांवित हो रहे हैं। इस सेक्टर का टर्नओवर करीब 70 करोड़ से अधिक है। उन्होंने कहा कि सगंध कृषिकरण को मनरेगा कार्यक्रम से जोड़कर किसानों को रोजगार के साथ-साथ स्थायी आय के अतिरिक्त स्त्रोत के रूप में सगंध कृषिकरण से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश के पौडी, चमोली, नैनीताल व हरिद्वार जनपदों के 45 कलस्टरों में नौ सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में लेमनग्रास, डैमेस्क, गुलाब व तेजपात आदि की खेती कराई जा रही है। इस दौरान उपाध्यक्ष ने कैंप के प्रदर्शन प्रक्षेत्र, फील्ड आसवन संयंत्र, एरोमा गैलेरी, गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला आदि का भ्रमण व अवलोकन किया। इस दौरान सगंध पौधा केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुनील शाह, नरेंद्र सिंह बिष्ट आदि भी उपस्थित रहे।


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