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देहरादून में फिर दिखा पराली जलाने का असर, गहराई धुंध Dehradun News

हरियाणा व पंजाब क्षेत्र में एक बार फिर पराली जलाने के चलते बढ़े वायु प्रदूषण का असर देहरादून में भी नजर आया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:40 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 08:43 PM (IST)
देहरादून में फिर दिखा पराली जलाने का असर, गहराई धुंध Dehradun News
देहरादून में फिर दिखा पराली जलाने का असर, गहराई धुंध Dehradun News

देहरादून, सुमन सेमवाल। हरियाणा व पंजाब क्षेत्र में एक बार फिर पराली जलाने के चलते बढ़े वायु प्रदूषण का असर देहरादून में भी नजर आया। सुबह से ही दून में छाई अप्रत्याशित धुंध को देखते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आइआइआरएस) व उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के निदेशक ने बाकायदा फील्ड में उतरकर इसकी मॉनिटङ्क्षरग की। हैंड-हेल्ड डिवाइस 'सन फोटोमीटर' के माध्यम से दोनों निदेशक ने देखा कि वातावरण में धुंध का घनत्व कितना है। स्पष्ट दृश्यता में यह रीडिंग शून्य आती है, जबकि सन फोटोमीटर से ली गई रीडिंग में यह आंकड़ा 1.4 पाया गया।

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यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि देहरादून से आगे मसूरी रोड पर मैगी प्वाइंट से प्रदूषण का घनत्व मापा गया। सन फोटोमीटर में रीडिंग के लिए सूरज की सीधी रोशनी की जरूरत पड़ती है। इसके बाद यह उपकरण स्वत: ही इस बात का आकलन कर लेता है कि वातावरण में सूरज की रोशनी किन तत्वों को पार कर पहुंच रही है। गुरुवार को की गई मॉनिटङ्क्षरग में यह भी पता चला कि वातावरण में बादलों की मात्रा तो थी ही, इसके साथ बड़ी संख्या में प्रदूषणकारी कण भी थे। जिसमें कुछ मात्रा कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड व नाइट्रोजन डाईऑक्साइड की भी पाई गई। हालांकि, अति गंभीर प्रकार के इन तत्वों की मात्रा सीमा से कहीं कम रही।

 

पीएम-10 व पीएम-2.5 की मात्रा दोगुनी से अधिक

यूसैक निदेशक डॉ. बिष्ट के अनुसार फील्ड मॉनिटङ्क्षरग के अलावा सेटेलाइट चित्रों के माध्यम से भी दून के वातावरण में छाए प्रदूषण की जांच की गई। विशेषकर पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-10 व पीएम 2.5 का स्तर देखा गया। आकलन में पाया गया कि जिस पीएम-10 की मात्रा 24 घंटे में 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए, उसका स्तर 240 पाया गया। इसी तरह 2.5 भी 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की सीमा से कम होने की जगह 130 पर पहुंच गया था। यह मात्रा भी औसत में रही। इसका मतलब यह हुआ कि स्थल विशेष पर जांच की जाती तो संभवत: प्रदूषण कणों का स्तर कहीं अधिक पाया जाता।

चार नवंबर के मुकाबले दोगुना हुआ एरोसोल

यूस क ने सेटेलाइट डाटा का विश्लेषण कर बताया था कि चार नवंबर को दून में एरोसोल (सभी तरह के प्रदूषण कण) की मात्रा 0.25 है। यह मात्रा गुरुवार को दोगुने स्तर पर 0.50 जा पहुंची। इसके अलावा दिल्ली में गुरुवार को एरोसोल ऑप्टिकल डेनसिटी (एओडी) का स्तर 1.384 पाया गया।

सार्वजनिक स्थान पर धुआं उड़ा रहे तीन लोगों का चालान

सार्वजनिक स्थान पर खुलेआम सिगरेट पी रहे तीन लोगों का सीएमओ कार्यालय की टीम ने चालान कर दिया। इन पर 200-200 रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा टीम ने 27 तंबाकू-सिगरेट विक्रेताओं पर भी चालान की कार्रवाई की।

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जिला तंबाकू नियंत्रक सलाहकार अर्चना उनियाल ने बताया कि गुरुवार को आढ़त बाजार में तंबाकू की दुकानों के निरीक्षण में कई दुकान वाले बगैर 18 वर्ष की आयु से कम के बच्चों को तंबाकू उत्पाद न बेचने का बोर्ड लगाए मिले। इस पर उनका चालान किया गया। दर्शनी गेट तक ऐसे कुल 27 दुकानदारों का चालान किया गया। वहीं, खुले में सिगरेट पीने पर तीन चालान किए गए। पुलिस की मौजूदगी के चलते किसी तरह की नोकझोंक नहीं हुई। उनियाल ने बताया कि तंबाकू बेचने वाले दुकानदारों के लिए अपनी दुकान पर 30 बाय साठ साइज का बोर्ड लगाना अनिवार्य है। टीम में रेखा, अनुराग और एसआई दीपक शामिल रहे।

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