NH-74 Scam: एनएच घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 11.62 करोड़ की संपत्ति अटैच की; पूरे मामले पर डालें नजर
NH-74 Scam एनएच-74 के 215.11 करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई की है।
देहरादून, जेएनएन। NH-74 Scam वर्ष 2017 में सामने आए एनएच-74 के 215.11 करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की उत्तराखंड टीम ने ऊधमसिंह नगर में छह किसानों और बिचौलियों की 11.62 करोड़ रुपये की 23 अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया। इस कार्रवाई में पांच बैंक खाते भी अटैच किए गए हैं।
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक अटैच की गई संपत्ति बरिंदर सिंह, बलवंत सिंह, रमेश कुमार, विक्रमजीत सिंह, मंदीप सिंह, हरजिंदर सिंह, जसदीप सिंह गौराया की हैं। इसमें कृषि भूमि, औद्योगिक भूमि, कमर्शियल प्लॉट, भवन समेत फाइबरमैक्स पेपर्स प्रा.लि. की संपत्ति शामिल हैं। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि कृषि भूमि को अकृषि दिखाकर जो अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त किया गया, उससे संपत्ति खरीदी गई हैं। साथ ही, कुछ राशि का बैंकों में फिक्स डिपॉजिट किया गया और अधिकारियों को कमीशन भी दिया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित बरिंदर सिंह और बलवंत सिंह ने नौ करोड़ रुपये ठिकाने लगाए, जबकि हरजिंदर सिंह ने एक करोड़ रुपये की राशि जसदीप सिंह गौराया व महक कौर के खाते में जमा कराई। इस राशि का प्रयोग फाइबरमैक्स पेपर्स प्रा.लि. में किया गया। वहीं, रमेश कुमार ने मुआवजा घोटाले से प्राप्त राशि को अपने स्वजनों के नाम पर फिक्स डिपॉजिट कराया। ईडी की जांच अभी जारी है। जल्द कुछ अन्य व्यक्तियों की संपत्ति को भी अटैच करने की कार्यवाही चल रही है।
21 करोड़ की संपत्ति पहले अटैच कर चुका है ईडी
नवंबर 2019 में भी ईडी ने घोटाले में कई आरोपितों की संपत्ति अटैच की थी। इसमें ऊधमसिंह नगर के तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी डीपी सिंह समेत, कुछ किसानों और बिचौलियों की 21.84 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की गई थी।
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एनएच घोटाले पर एक नजर
-यह मामला एनएच-74 के 252 किलोमीटर हिस्से के चौड़ीकरण से जुड़ा है।
-चौड़ीकरण की जद में आ रही भूमि को बैकडेट में कृषि से अकृषि कर अधिक मुआवजा वसूल किया गया। इससे सरकार को 215.11 करोड़ रुपये की चपत लगी।
-एक मार्च 2017 में पता चला था कि इस तरह का घोटाला किया गया है और 17 मार्च को ऊधमसिंह नगर के सिडकुल थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी।
-ईडी ने इस मामले में वर्ष 2018 में रिपोर्ट दर्ज की थी।
-प्रकरण में पुलिस अब तक 30 से अधिक अधिकारियों, कर्मचारियों, किसानों और बिचौलियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
-कार्रवाई के डर से 24 से अधिक किसान करीब तीन करोड़ रुपये वापस जमा करा चुके हैं।
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